स�?प�?रीम कोर�?ट ने सिर�?फ नोटबंदी के कानूनी, तकनीकी पहल�?ओं पर गौर किया: केरल के वित�?त मंत�?री

तिर�?वनंतप�?रम: केरल के वित�?त मंत�?री के �?न बालगोपाल ने सोमवार को कहा कि 1,000 र�?पये और 500 र�?पये के नोटों को चलन से बाहर करने के केंद�?र के 2016 के फैसले को सही ठहराने वाले उच�?चतम न�?यायालय के फैसले ने केवल इसके कानूनी और तकनीकी पहल�?ओं पर गौर किया।
मंत�?री ने कहा कि व�?यावहारिक रूप से केंद�?र सरकार के फैसले का आर�?थिक और सामाजिक प�?रभाव बह�?त गंभीर था और विभिन�?न क�?षेत�?रों के विकास के लि�? हानिकारक था।
उन�?होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ”इसने क�?छ समय के लि�? अर�?थव�?यवस�?था के कई क�?षेत�?रों को बर�?बाद कर दिया।”
उन�?होंने कहा कि भारत के सामाजिक और आर�?थिक विकास पर विम�?द�?रीकरण का गंभीर प�?रभाव विभिन�?न अर�?थशास�?त�?रियों और वित�?तीय विशेषज�?ञों द�?वारा कि�? ग�? अध�?ययनों में साबित ह�?आ है।
उन�?होंने कहा, “आर�?थिक विकास प�?रभावित ह�?आ था। कई क�?षेत�?रों की वृद�?धि नोटबंदी से प�?रभावित ह�?ई थी।”
इससे पहले, फैसला स�?ना�? जाने के बाद पत�?रकारों से बात करते ह�?�?, मंत�?री ने कहा कि शीर�?ष अदालत ने केवल निर�?णय लेने की प�?रक�?रिया के कानूनी पहल�?ओं की जांच की, लेकिन तथ�?य यह है कि वाणिज�?यिक, सेवा कृषि और अन�?य विभिन�?न क�?षेत�?रों पर विम�?द�?रीकरण का प�?रतिकूल प�?रभाव पड़ा। जारी।
बालगोपाल ने कहा, “वित�?तीय संकट के फैसले में कोई समाधान नहीं है, जो इसके (नोटबंदी) से ह�?आ है।”
उन�?होंने कहा कि इसका असर भविष�?य में भी दिखेगा।
उन�?होंने आगे कहा कि फैसला स�?नाने वाली संवैधानिक पीठ के न�?यायाधीशों के विचारों में भी अंतर था क�?योंकि उनमें से �?क ने कहा कि नोटबंदी को कानून के जरि�? किया जाना चाहि�? था।
