रेलवे अधिकारियों के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज

नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पार्सल प्रबंधन में अनियमितता के आरोप में निजी व्यक्तियों सहित भारतीय रेलवे के दस लोक सेवकों के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं।
लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलएलटी), कुर्ला, मध्य रेलवे, मुंबई के पार्सल विभाग और यार्ड विभाग में तैनात मुख्य पार्सल पर्यवेक्षकों, मुख्य यार्ड मास्टर, उप स्टेशन प्रबंधक (यार्ड) और अन्य तत्कालीन लोक सेवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कुछ निजी व्यक्तियों पर पार्सलों को संभालने और टर्मिनस पर वीपीयू वैगनों की नियुक्ति की सुविधा में अनियमितताओं के आरोप हैं।
इससे पहले संयुक्त औचक निरीक्षण किया गया।

पहले मामले में, यह आरोप लगाया गया है कि पार्सल विभाग के अधिकारी निजी लोडरों और पट्टाधारकों को लाभ पहुंचाने के लिए उनसे नियमित आधार पर नकद या यूपीआई के माध्यम से रिश्वत ले रहे थे।
दूसरे मामले में, यह आरोप लगाया गया था कि यार्ड विभाग में तैनात मध्य रेलवे के उक्त लोक सेवक निजी एजेंटों से नकद के रूप में और यार्ड में तैनात पॉइंट-मैन के खातों में यूपीआई भुगतान के माध्यम से रिश्वत ले रहे थे।
आगे यह भी आरोप लगाया गया कि टर्मिनस पर वीपीयू वैगनों की नियुक्ति की सुविधा के लिए रिश्वत दी गई थी। यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने एजेंटों से रिश्वत प्राप्त की और कथित तौर पर रिश्वत का कुछ हिस्सा अपने वरिष्ठों को भी दिया।
आरोपियों के आवासीय परिसरों सहित मुंबई, ठाणे, कल्याण, नासिक आदि में लगभग आठ स्थानों पर तलाशी ली गई, जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज, मोबाइल फोन आदि बरामद हुए।
जांच चल रही है. (एएनआई)