
दिल्ली: प्रह्लाद जोशी ने कहा, “हर किसी को साइनबोर्ड पर जो भी लिखा है, उसको पढ़ने में सक्षम होना चाहिए और हर कोई अंग्रेजी नहीं पढ़ सकता। कन्नड़ के साथ-साथ अंग्रेजी या हिंदी जैसी किसी अन्य भाषा में लिखने में क्या नुकसान है? यह इंग्लैंड नहीं है, ये बेंगलुरु है।” बेंगलुरु की दुकानों को BBMP से ’60 प्रतिशत कन्नड़’ में साइनबोर्ड रखने का निर्देश मिला है।Pralhad Joshiप्रह्लाद जोशी ने कहा, “अगर हिंसा हुई है तो उसे मंजूरी नहीं दी जा सकती लेकिन इन लोगों (दुकानदारों) को भी भावना और लोगों की जरूरतों को समझना चाहिए।”बेंगलुरु में नागरिक नियमों के मुताबिक 60 प्रतिशत साइनेज राज्य की स्थानीय भाषा में लिखे जाने चाहिए। हालांकि, कई दुकानें, विशेषकर मॉल में, इस नियम को दरकिनार कर रहे हैं।

बेंगलुरु महानगर पालिका ने एक नियम बनाया है कि सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को 60% साइन बोर्ड कन्नड़ में लगाने होंगे। इस दिशानिर्देश के मुताबिक साइन बोर्ड का आधे से ज्यादा हिस्सा कन्नड़ में लिखा होना चाहिए। 28 फरवरी तक की समय सीमा दी गई है, ऐसा न करने पर दुकानें बंद कर दी जाएंगी और उनके ट्रेड लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे।फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा कि अधिकारियों को समय सीमा से पहले कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।
महासंघ ने कहा कि वह अपने सभी सदस्यों से नियम का पालन करने के लिए कहेगा लेकिन सरकार को समय सीमा से पहले प्रतिष्ठानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। कई प्रतिष्ठानों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि 60% कन्नड़ एक बीबीएमपी नियम था।