पद्मश्री चित्रकार जोधइया बाई अस्पताल में भर्ती

उमरिया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैगा चित्रकारी की पहचान बन चुकीं 87 वर्षीय पद्मश्री जोधइया बाई रविवार को बीमार हो गईं। वे अपनी बेटी के घर अमड़ी में थीं, इसी दौरान उन्हें पक्षाघात (पैरालिसिस अटैक) हुआ। उनके शरीर का बायां हिस्सा पूरी तरह से बेजान हो गया है। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बता दें कि जोधइया बाई को बैगा चित्रकारी के लिए वर्ष 2022 में राष्ट्रपति ने नारी शक्ति पुरस्कार दिया था। पिछले साल उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया। जोधइया बाई के कई चित्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुके हैं।

उल्लेखनीय है कि बैगा चित्रकारी बैगा आदिवासियों की कल्पना का वह पूरा संसार है, जिसे वह अपने नजरिए से देखता और रचता है। बैगाओं की इसी कल्पना को उनकी शैली कहा गया है। बैगा वृक्षों में और बाघों में भगवान शंकर को देखते हैं। इसलिए वे अपने चित्रों में भगवान शंकर को बघासुर और वृक्षों के रूप में चित्रित करते हैं। बैगा अपने घरों की सज्जा भी इसी कल्पना के अनुसार करते हैं और भित्ती पर बनाए जाने वाले चित्र ही बैगा चित्रकारी कहलाती है। चित्रों में मुख्य रूप से जंगल, जंगल के जानवर और पर्यावरण का चिंतन दिखाई पड़ता है।