अनोखा कागज! कागजों में बुजुर्ग को मार डाला, कार्यालय पहुंचकर दे रहे जीवित होने का प्रमाण

आगरा: फिल्मों और धारावाहिकों में सरकारी कामकाज किस तरह से होता है। लोग आफिसों के चक्कर काटते हुए पूरी जिंदगी निकाल देते हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं होता। मुसद्दी लाल को कौन नहीं जानता। वह आफिस-आफिस ही खेलते रहे, लेकिन उनकी समस्या का निपटारा नहीं हुआ। ऐसा ही कुछ आगरा के एत्मादपुर के धरैरा ग्राम के बुजुर्ग दीनानाथ के साथ हुआ। उन्हें कागजों में मृत दिखा दिया गया और उनकी वृद्धावस्था पेंशन रोक दी गई। शनिवार को वह अपने जिंदा होने का प्रमाण देने डीएम कार्यालय जा पहुंचे।

दीनानाथ यादव 70 साल के हैं। एत्मादपुर तहसील के नगला हंसराज मौजा धरैरा में रहते हैं। उन्हें 500 रुपये प्रतिमाह वृद्धावस्था पेंशन मिलती थी। इसी साल मार्च से पेंशन मिलना बंद हो गई। पेंशन बंद होने की जानकारी लेने के लिए ग्राम सचिव कार्यालय पहुंचे। वहां से जानकारी नहीं मिली तो वह विकास भवन जा पहुंचे। वहां पता चला कि वह सरकारी कागजों में मृत घोषित हैं। इस कारण से पेंशन रुक गई है। उन्होंने अपने जिंदा होने की बात भी कही, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। शनिवार को वह कलक्ट्रेट जा पहुंचे। उनके हाथ में ‘मैं जिंदा हूं’ का लिखा कागज था। उनके हाथ में पर्चा देखकर भीड़ एकत्र हो गई।
दीनानाथ जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में दिवस अधिकारी से मिले। उन्हें अपनी समस्या बताई। कहा कि ग्राम पंचायत सचिव पद पर तैनात रहे एक अधिकारी ने अपने सत्यापन में उन्हें मृत दर्शा दिया। कुछ दिनों बाद ग्राम पंचायत सचिव का स्थानांतरण हो गया। अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो सका है। दिवस अधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया कि मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने ग्राम पंचायत सचिव को भी इसके बारे में बता दिया। खंड विकास अधिकारी ने भी बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। अवकाश से वापस आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। बुजुर्ग दीनानाथ का कहना है कि जब वह ग्राम पंचायत सचिव के दफ्तर जाएंगे तब पता चलेगा कि उनकी समस्या का समाधान हो पाया कि नहीं।