पर्यवेक्षण गृह से शिक्षकों के हटाये जाने से पढ़ाई पर संकट

मोतिहारी: पर्यवेक्षण गृह में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को वापस बुलाये जाने से किशोरों की पढ़ाई बाधित हो गयी है. आठवीं वर्ग से लेकर टेन प्लस टू तक के पचास बच्चे पढ़ाई करते थे. पढ़ाई की सभी व्यवस्था रहने के बावजूद शिक्षकों के अभाव में किशोरों को शिक्षा ग्रहण करने में कठिनाई हो रही है.
पर्यवेक्षण गृह में वे नाबालिग किशोर आते हैं जिनका नाम अपराधिक मामले की एफआईआर में आ जाती है. उनके मामले की सुनवाई किशोर न्याय परिषद की कोर्ट में होती है. इस बीच उन्हें पर्यवेक्षण गृह में सुरक्षित रखा जाता है. पर्यवेक्षण गृह में रहने के दौरान उन्हें भोजन, कपड़ा, खेलकूद व पढ़ाई की मुकम्मल व्यवस्था रहती है. बहुत बच्चे ऐसे रहते हैं कि पढ़ाई के दौरान ही भूलवश किसी अपराधिक केस में उनका नाम आ जाता है.
सरकार की सोंच के अनुसार उनकी पढ़ाई वाधित नहीं हो इसके लिये पठन पाठन सामग्री के साथ शिक्षकों की व्यवस्था की जाती है. शिक्षकों के अभाव में फिलहाल शिक्षित किशोरों से प्राइमरी किशोरों को पढ़वाया जा रहा है.

पर्यवेक्षण गृह में वर्ग आठ व नौ के 25, वर्ग दस के 17 व टेन प्लस टू के 08 बच्चे हैं. पढ़ाई के दौरान ही गंभीर अपराध में फंस गये. नाबालिग होने की स्थिति में कोर्ट के आदेश पर उन्हें पर्यवेक्षण गृह भेजा जाता है. पर्यवेक्षण गृह की ओर से वर्ग के पाठयक्रम के अनुसार बूक, कॉपी, कलम आदि सामग्री उपलब्ध करायी गयी है. सुबह, दोपहर और शाम में पढ़ाई की रुटीन बनी है. पढ़ाई के दौरान जो डाउट सवाल रहते हैं उनका समाधान किशारों को नहीं हो पाता है.
25 मई से रद्द की गयी शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति25 मई 23 से पर्यवेक्षण गृह में कार्यरत शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद्द करते हुये शिक्षकों को वापस बुला लिया गया है. प्राइमरी, माध्यमिक, उच्चतर, संगीत व योगा शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गयी थी. शिक्षकों के वापस बुलाये जाने से किशोरों की पढ़ाई वाधित हो गयी है.
डीएम व डीईओ को पत्र भेजा, एक्शन नहींशिक्षकों को वापस बुलाये जाने पर पर्यवेक्षण गृह की ओर से डीएम व डीईओ को पत्र भेजकर सूचना देने के साथ आग्रह किया गया कि पर्यवेक्षण गृह में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति आवश्यक है. पत्र भेजे एक माह बीत गये लेकिन संबंधित अधिकारियों ने कोई नोटिस नहीं ली है.