
ज्योतिष न्यूज़। प्रभु राम की नगरी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों से चल रही है 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें देशभर के नामी लोग शामिल होंगे। प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य अतिथि भारत के प्रधान मंत्री मोदी होंगे जो रामलला की पहली आरती का भी सौभाग्य प्राप्त करेंगे।

प्राण प्रतिष्ठा से पहले कई अन्य धार्मिक अनुष्ठान व पूजन किया जा रहा है 16 जनवरी से आयोजन का आरंभ हो चुका है। जिसमें पूजा पाठ, मंत्र जाप व अन्य धार्मिक कार्यक्रम किए जा रहे हैं इसी कड़ी में 17 जनवरी को जल यात्रा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद 18 जनवरी को गणेश अंबिका, वास्तु पूजन, पंचगव्य पूजन सहित कई अन्य पूजन किए जाएंगे तो आज हम आपको अपने इस लेख दवारा पंचगव्य पूजन के बारे में आपको बता रहे हैं तो आइए जानते हैं क्या है ये पूजन।
क्या होता है पंचगव्य पूजन-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पंचगव्य पूजन को बेहद ही खास माना जाता है जिसमें गाय के दूध, दही, मूत्र, घी और गोबर से मिलाकर बनाया जाता है। पूजन में पंचगव्य का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। बिना पंचगव्य के प्रमुख अनुष्ठान व पूजा पाठ नहीं पूरे माने जाते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय में सभी देवी देवताओं का वास होती है यही कारण है कि गाय से मिलने वाली पांच चीजें पंचगव्य यानी पवित्र होती है। जिस तरह से गाय को दूध पवित्र माना गया है ठीक उसी प्रकार से चार अन्य चीजों को भी पवित्र बताया गया है। जिसका पूजन में प्रयोग किया जाता है।
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