फसलों की ग्रेडिंग-पैकेजिंग को मिलेगी मदद

शिमला। कृषि के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए कृषि एवं संरचना कोष को लेकर शुक्रवार को शिमला के पीटरहॉफ में राज्य स्तरीय कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार की अध्यक्षता में होने वाले इस कॉन्क्लेव में कृषि-बागबानी क्षेत्र से जुड़े 160 से अधिक विभिन्न हितधारक हिस्सा लेंगे। विभिन्न हितधारकों को भारत सरकार के कृषि अवसंरचना कोष के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। कृषि सचिव हिमाचल प्रदेश सी पालरासू ने बताया कि केंद्र द्वारा देशभर में फार्मगेट और एकत्रिकरण बिंदुओं, प्राथमिक कृषि सहकारी समीतियों, किसान-उत्पादक संगठनों, कृषि उद्यमियों, स्टार्टअप आदि पर कृषि अवसंरचना परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए भारत सरकार द्वारा एक लाख करोड़ का प्रावधान किया है। कृषि सचिव ने बताया कि इस कोष के तहत कोल्डचेन इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ फार्मगेट इन्फ्रास्ट्रक्चर, जिसमें खेतों में ही छंटाई, ग्रेडिंग और पैकेजिंग सुविधा स्थापित करने के लिए सहायता दी जाएगी।

कॉन्क्लेव में सभी हितधारकों जिनमें कृषि व बागबानी विभाग, मार्केटिंग बोर्ड, नाबार्ड, एसएलवीसी और एलडीएम्स, बैंकों के प्रमुख, उद्योग विभाग, सीए, कृषि उद्यमी समेत बाकि हितधारकों को प्रमुख रूप से शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। कॉन्क्लेव में केंद्र के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव और उनकी टीम भी विशेष रूप से भाग लेगी। यह भारत सरकार द्वारा कृषि के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई एक महत्त्वपूर्ण पहल है। यह परियोजना 2020-21 से 2032-33 तक चलेगी और इसके अधीन शुरुआती छह साल में यानी 2026 तक ऋण वितरण का कार्य पूरा किया जाएगा। कृषि अवसंरचना कोष का उद्देश्य कृषि उपज के एकत्रिकरण और विपणन के लिए बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाना, भंडारण सुविधाओं का आधुनिकीकरण करके फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना और किसानों की उपज को प्रभावी ढंग से बाजारों तक पहुंचाने के लिए एक निर्बाध आपूर्ति शाृंखला की सुविधा प्रदान करना है। इस परियोजना के तहत निजी संस्थाओं के साथ-साथ एफपीओ, पीएसीएस, स्वंय सहायता समूह. जेएलजी, सहकारी समीतियों, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समीतियों के संघ, एफपीओ के संघ और एसएचजी के संघ पात्र लाभार्थी होंगे।