
नई दिल्ली: भारत सरकार, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) और असम के बीच त्रिपक्षीय शांति समझौते पर आज शुक्रवार को हस्ताक्षर हो गए हैं. 40 साल में पहली बार सशस्त्र उग्रवादी संगठन उल्फा से भारत और असम सरकार के नुमाइंदे के बीच शांति समाधान समझौता मसौदे पर हस्ताक्षर हुए हैं. भारत सरकार के पूर्वोत्तर में शांति प्रयास की दिशा में यह एक बहुत बड़ा कदम है. कारण, उल्फा पिछले कई सालों से उत्तर पूर्व में सशस्त्र सुरक्षा बलों के खिलाफ हिंसात्मक संघर्ष कर रहा था.

#WATCH | On United Liberation Front of Assam (ULFA) signing a tripartite Memorandum of Settlement with the Centre and the Assam government, Union Home Minister Amit Shah says, ” This is a new start of a period of peace for the whole Northeast especially Assam. I want to assure… pic.twitter.com/Pv3rX3lseZ
— ANI (@ANI) December 29, 2023
इसको लेकर दिल्ली में अहम बैठक हुई, जिसमें पूर्वोत्तर में शांति समझौता के लिए उल्फा के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा, गृह सचिव अजय भल्ला, असम के DGP जीपी सिंह सहित उल्फा ग्रुप के सदस्य मौजूद रहे.
परेश बरुआ के नेतृत्व वाला उल्फा का कट्टरपंथी गुट इस समझौते का हिस्सा नहीं है. कारण, उसने सरकार द्वारा प्रस्तावित समझौते में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
उल्फा के साथ समझौते पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह असम के भविष्य के लिए एक उज्ज्वल दिन है. राज्य और उत्तर-पूर्व में पिछले कई दशकों से हिंसा देखी जा रही है. जब से नरेंद्र मोदी आए हैं हम पूर्वोत्तर को हिंसा मुक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं. पिछले पांच वर्षों में पूर्वोत्तर में 9 शांति समझौते (सीमा शांति और शांति समझौते सहित) हुए.
उन्होंने बताया कि असम के 85% इलाकों से AFSPA हटाया गया. त्रिपक्षीय समझौते से असम में हिंसा का समाधान हो सकेगा. उल्फा द्वारा दशकों तक की गई हिंसा में 10,000 लोग मारे गए. यह असम में उग्रवाद का संपूर्ण समाधान है. सभी धाराओं को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. आज उल्फा के 700 कैडरों ने आज आत्मसमर्पण कर दिया.
दरअसल, उल्फा यानी यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम के एक धड़े के 20 नेता पिछले एक हफ्ते से दिल्ली में थे. भारत सरकार और असम सरकार के आला अधिकारी इस समझौते के मसौदे पर हस्ताक्षर के लिए उन्हें तैयार कर रहे थे. उल्फा के जिस धड़े ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं वह अनूप चेतिया गुट का है. 2011 से उल्फा के इस गुट ने हथियार नहीं उठाए हैं लेकिन यह पहली बार है जब बकायदा एक शांति समझौते का मसौदा तैयार किया गया है और दोनों पक्षों के नुमाइंदों ने उस पर हस्ताक्षर किए हैं. पूर्वोत्तर में सशस्त्र उग्रवादी संगठनों से इस साल भारत सरकार का यह चौथा बड़ा समझौता है.
#WATCH | Assam CM Himanta Biswa Sarma says, ” Today is a historic day for Assam. During PM Modi’s tenure, under the guidance of Union Home Minister Amit Shah, work for Assam’s peace was always underway…three accords have been signed and with three accords tribal militancy has… https://t.co/8Dh0w36tAM pic.twitter.com/vwuPqhqj00
— ANI (@ANI) December 29, 2023