
शिमला। हिमाचल में बालिकाओं के सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक उत्थान के लिए बनाया सक्षम गुडिय़ा बोर्ड राज्य सरकार के स्तर पर फैसला होने से पहले ही डिफ्क्ट हो गया है। इस बोर्ड के लिए यूएस क्लब शिमला में बनाया दफ्तर बंद है और कर्मचारी भी महिला एवं बाल विकास विभाग ने वापस बुला लिए है। पूर्व जयराम सरकार के समय 31 जुलाई, 2018 को एक नोटिफिकेशन के माध्यम से सक्षम गुडिय़ा बोर्ड का गठन किया था। इस बोर्ड में भाजपा नेत्री रूप शर्मा को पहली उपाध्यक्ष नामित किया था, जबकि अध्यक्ष मुख्यमंत्री खुद थे। बोर्ड का काम किशोरियों और बालिकाओं की सशक्तिकरण के लिए प्रदेश सरकार को सिफारिशें भेजना, उनकी सुरक्षा से संबंधित नियमों नीतियों और कार्यक्रमों पर प्रदेश सरकार को अनुशंसा भेजना इत्यादि शामिल था।

उस समय कोटखाई में हुए गुडिय़ा रेप और मर्डर कांड के बाद इस तरह का बोर्ड बनाने का विचार आया था। रूपा शर्मा की उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति क्योंकि को-टर्मिनस थी, इसलिए राज्य में कांग्रेस सरकार के बनने के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया। नई सरकार के बनने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने राज्य सरकार को सिफारिश भेजी कि जो काम सक्षम गुडिय़ा बोर्ड को दिए है, वह बाकी एजेंसीयां भी देख रही है। इसलिए इस बोर्ड को बंद भी किया जा सकता है, लेकिन इस फाइल पर आज तक राज्य सरकार से कोई फैसला नहीं आया। दूसरी तरफ बिना फैसले की ही सक्षम गुडिय़ा बोर्ड लगभग बंद हो गया है। सक्षम गुडिय़ा बोर्ड की उपाध्यक्ष रही रूपा शर्मा ने 23 अक्तूबर, 2018 को कार्यभार संभाला था। रूपा शर्मा ने बताया कि उनके कार्यकाल के समय सभी शिकायतों को सुलझा दिया है। विधानसभा चुनाव के एकदम बाद उन्होंने पद छोड़ दिया है।