पूर्व मुख्यमंत्री से ED ने की 7 घंटे तक पूछताछ

हरियाणा। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2004-07 के दौरान मानेसर में भूमि अधिग्रहण में कथित अनियमितताओं को लेकर धन शोधन मामले की जांच के संबंध में पूछताछ की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हुड्डा (76) का बयान दर्ज किया।

ईडी की यह जांच वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और नौकरशाहों की कथित तौर पर मिलीभगत से 2004 और 2007 के बीच हरियाणा के मानेसर में भूमि के अवैध रूप से अधिग्रहण से संबंधित है. भूमि अधिग्रहण के इस मामले में कई किसानों और भूमि मालिकों ने आरोप लगाया था कि उनके साथ लगभग 1,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है. एजेंसी ने हरियाणा पुलिस के की एक प्राथमिकी के आधार पर सितंबर, 2016 में कथित भूमि घोटाले में पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था।
एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) की टीम हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली में पूछताछ कर रही है। अभी तक ED का कोई भी औपचारिक बयान नहीं आया है। हुड्डा पर CM रहते गुरुग्राम से सटे मानेसर में प्राइवेट बिल्डरों को फायदा पहुंचाने का आरोप है। इससे पहले ED की टीम ने हरियाणा के मानेसर में जमीन घोटाला मामले में दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में कई बड़े बिल्डरों के नाम भी ED ने शामिल किए हैं।
#हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से ED मनी लॉड्रिंग मामले में पूछताछ कर रही है,मानेसर प्राइवेट बिल्डरों का मामला बताया जा रहा है pic.twitter.com/oAbbaOHt7L
— Sahil Rukhaya (@Sahilrukhaya7) January 17, 2024
इस पूरे मामले में सबसे अहम बात यह है कि ED ने अपनी जांच गुरुग्राम पुलिस और बाद में CBI की दर्ज FIR के बाद शुरू की थी। CBI ने इसमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 34 लोगों को आरोपी बनाया था। जिसके बाद ED ने इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। इसमें अब तक 108.79 करोड़ की प्रॉपर्टी भी अटैच की जा चुकी है। ED की दायर की गई चार्जशीट में ABW इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, उसके मालिक अतुल बंसल, पत्नी सोना बंसल, महामाया एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, शशिकांत चौरसिया, दिलीप ललवानी, वरिंदर उप्पल, विजय उप्पल, रविंदर तनेजा, TDI इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, विजडम रियलटोर्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी रिफोंस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं।
बिल्डरों ने मानेसर, नौरंगरपुर और लखनौला के किसानों को सस्ते दामों पर जमीन अधिग्रहण का डर दिखाकर 20 से 25 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से 350 एकड़ जमीन को अपने नाम करवा लिया। ED का आरोप है कि बिल्डरों के कहने पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जमीन अधिग्रहण का नोटिफिकेशन निकाला। इसका फायदा उठाते हुए बिल्डरों ने सस्ते दामों में खरीदी हुई जमीन को प्रति एकड़ करीब 4 करोड़ रुपए में बेच दिया। बाद में सरकार ने साल 2007 में ये नोटिफिकेशन वापस ले लिया था। इससे जमीन मालिकों को करीब 1500 करोड़ का नुकसान हुआ था। जांच में पता चला कि किसानों से सबसे ज्यादा जमीन ABWIL ग्रुप के मालिक अतुल बंसल ने खरीदी थी। बाद में दूसरे बिल्डरों को महंगे दामों पर बेच दी थी। इस पूरे मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित 34 आरोपियों के खिलाफ फरवरी 2018 में हरियाणा के पंचकूला में चार्जशीट भी दाखिल की थी।