
मुजफ्फरपुर। स्कूली छात्रों के बीच प्रोटेक्शन गैंग का चलन बढ़ गया है। अपने आपसी झगड़ों के लिए अपराधियों के प्रोटेक्शन गैंग से मदद ले रहे हैं। इस नए गैंग ने पुलिस की नींद उड़ा दी है। पहले से ही पेशेवर अपराधियों से निपट रही पुलिस के लिए ये नया सिरदर्द है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वो इसके लिए अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन की मदद लेगी। इस तरह के वारदात से छात्रों के करियर तबाह हो सकती है। स्कूल प्रबंधन को भी बच्चों के बीच व्यवहारिक कानूनी ज्ञान की जानकारी देने के लिए कहा जाएगा। स्कूली बच्चों से प्रोटेक्शन गैंग के शातिरों के बारे में जानकारी ली जा रही है। इसके बाद गैंग के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन चलाया जाएगा।
शहर के बड़े स्कूलों के बच्चे प्रोटेक्शन गैंग के चुंगल में फंस रहे हैं। इंडियन एसोसिएशन ऑफ स्कूल ने इस पर चिंता जताई है।

अफरोज नाम के छात्र की हत्या के बाद प्रोटेक्शन गैंग का नाम आया है। मोहम्मद अफरोज की हत्या प्रोटेक्शन गैंग ने की थी। इस घटना के पीछे आपसी वर्चस्व की बात आई है। ये प्रोटेक्शन गैंग्स मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा थाना क्षेत्र में अब तक दो से तीन युवाओं की हत्या कर चुका है। जिसमें पुलिस इन्वेस्टिगेशन में प्रोटेक्शन गैंग की नाम सामने आया है। इस छोटे से शहर में प्रोटेक्शन गैंग के नाम आने से बड़े स्कूल के साथ अभिभावक सकते में है। मुजफ्फरपुर में कई प्रोटेक्शंस ग्रुप ऐक्टिव हैं। जिसमें कुछ को गिरफ्तार किया गया है और चार फरार चल रहे हैं। प्रोटेक्शन गैंग की ओर से ही राकेश पटेल के बेटे को पीटा गया और उसके एटीएम कार्ड से लगभग 1 लख रुपए की निकासी कर ली गई। उसमें राजा नाम के प्रोटेक्शन गैंग को चिन्हित किया गया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
एएसपी टाउन अवधेश दीक्षित ने बताया कि एक प्रोटेक्शन ग्रुप में लगभग 150 से 200 बच्चों की संख्या होती है। ग्रुप के हर एक बच्चे से हजार से 2000 रुपए गिरोह का सरदार लेता है। जरूरत पड़ने पर मदद करने के लिए एक कॉल पर 40 से 50 लड़के एक जगह इकट्ठे होते हैं। फिर एक ग्रुप दूसरे ग्रुप पर हावी होने की कोशिश करता है। इसमें छोटे बच्चे विशेष कर बड़े स्कूल के बच्चे बड़ी तेजी से प्रोटेक्शन ग्रुप के मेंबर्स बनते जा रहे हैं। इस बात की भनक अभिभावक तक को भी नहीं होती है। बच्चे डर के कारण अपने स्कूल टीचर, प्रशासन और अपनी क्लासमेट को भी नहीं बता पाते हैं। टाउन एएसपी अवधेश दीक्षित ने हर महीने स्कूल की टीचर्स और अभिभावकों के बीच एक पेरेंट्स मीटिंग करने की बात कही है। इसके लिए सभी स्कूलों में एक कमेटी बनेगी, जिसमें पुलिस और शिक्षक चाइल्ड प्रोटेक्शंस ऑफिसर की आवश्यकता होगी।