मानसून सत्र के चौथे दिन विधानसभा में हंगामा, नारेबाजी व वॉकआऊट

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन हंगामे, नारेबाजी व वॉकआऊट का क्रम जारी रहा। सत्ता पक्ष के खिलाफ विरोध दर्ज करने के लिए विपक्ष एक से अधिक बार वैल में आया। पहली बार विपक्ष उस समय नारेबाजी करते हुए वैल में पहुंचा जब विधायक रणधीर शर्मा ने प्रश्नकाल के दौरान वित्तीय वर्ष, 2022-23 की अंतिम तिमाही में सरकार के विभिन्न विभागों विशेषकर जल शक्ति और लोक निर्माण विभाग के बजट में कटौती करने का मामला उठाया। उनका कहना था कि इस कारण ठेकेदारों और उनके साथ काम करने वाले दिहाड़ीदारों को पेमैंट नहीं की गई है।
दूसरी बार जब उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री प्रदेश की वित्तीय स्थिति को लेकर श्वेत पत्र प्रस्तुत कर रहे थे तो विपक्ष ने उनकी तरफ से पेश किए गए वित्तीय आंकड़ों पर आपत्ति जताई तथा कहा कि प्राइवेट मैंबर डे के दिन ऐसा नहीं होना चाहिए था। इस दौरान पक्ष-विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोंक-झोंक भी हुई तथा व्यवधान पड़ने पर अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन की कार्यवाही को दोहपर 2 बजे तक स्थगित कर दिया।
तीसरी बार जब कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से संबंधित संशोधन विधेयक प्रस्तुत हुआ तो विपक्ष की तरफ से नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार एवं रणधीर शर्मा ने आपत्ति जताई। विपक्ष ने सरकार से विधेयक को वापस लेने की मांग की लेकिन जब सरकार ने मांग नहीं मानी तो विपक्ष अध्यक्ष के आसन के करीब पहुंचकर नारेबाजी करने लगा तथा विधेयक पारित होने पर सदन की शेष कार्यवाही के लिए वॉकआऊट किया। इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष के इस व्यवहार को लेकर निंदा प्रस्ताव लाया जिसका सभी कांग्रेस विधायकों ने समर्थन किया। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के जनमंच में 6 करोड़ रुपए तो फुल्के खाने पर खर्च हो गए। इसके अलावा 26 करोड़ रुपए सरकारी आयोजन में तंबू लगाने पर खर्च किए गए।
