ग्लोबल वार्मिंग के कारण पृथ्वी गर्म हो रही है

न्यूयॉर्क: ग्लोबल वार्मिंग के कारण धरती गर्म होती जा रही है. कार्बन उत्सर्जन के कारण हर साल तापमान बढ़ रहा है। इसके कारण वातावरण में अप्रत्याशित परिवर्तन हो रहे हैं। पहले से ही इसके दुष्परिणाम झेल रहे मनुष्य आने वाले दिनों में विलुप्त होने की कगार पर पहुंच जाएंगे। वैज्ञानिक इस समस्या के समाधान के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वैज्ञानिक सोलर शील्ड लगाकर तापमान को प्रभावित करने के प्रयोग कर रहे हैं। अंतरिक्ष आधारित सौर विकिरण प्रबंधन शील्ड (एसआरएम) परियोजनाएं चलायी जा रही हैं। अमेरिका की हवाई यूनिवर्सिटी पृथ्वी को उच्च तापमान से बचाने के लिए नए प्रस्ताव लेकर आई है। उस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और खगोलशास्त्री इस्तावन साजापुडी ने सौर ढाल के साथ सूर्य के प्रकाश की जांच करने का एक समाधान सुझाया। उन्होंने खुलासा किया कि पृथ्वी और सूर्य के बीच एक विशाल उल्कापिंड सूर्य की रोशनी को सीधे पृथ्वी पर पड़ने से रोकने के लिए एक छतरी की तरह काम कर सकता है। अध्ययन के नतीजे राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (पीएनएएस) की कार्यवाही में प्रकाशित किए गए थे। भले ही क्षुद्रग्रह अभी भी अंतरिक्ष में हैं, वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि सौर ढाल के लिए विशाल सामग्री वहां पहुंचाना एक चुनौती होगी। फिलहाल कम ऊंचाई वाली अंतरिक्ष कक्षाओं में 50 टन वजन प्रक्षेपित करने में सक्षम रॉकेट ही नुकसानदेह बन सकते हैं।तापमान बढ़ रहा है। इसके कारण वातावरण में अप्रत्याशित परिवर्तन हो रहे हैं। पहले से ही इसके दुष्परिणाम झेल रहे मनुष्य आने वाले दिनों में विलुप्त होने की कगार पर पहुंच जाएंगे। वैज्ञानिक इस समस्या के समाधान के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वैज्ञानिक सोलर शील्ड लगाकर तापमान को प्रभावित करने के प्रयोग कर रहे हैं। अंतरिक्ष आधारित सौर विकिरण प्रबंधन शील्ड (एसआरएम) परियोजनाएं चलायी जा रही हैं। अमेरिका की हवाई यूनिवर्सिटी पृथ्वी को उच्च तापमान से बचाने के लिए नए प्रस्ताव लेकर आई है। उस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और खगोलशास्त्री इस्तावन साजापुडी ने सौर ढाल के साथ सूर्य के प्रकाश की जांच करने का एक समाधान सुझाया। उन्होंने खुलासा किया कि पृथ्वी और सूर्य के बीच एक विशाल उल्कापिंड सूर्य की रोशनी को सीधे पृथ्वी पर पड़ने से रोकने के लिए एक छतरी की तरह काम कर सकता है। अध्ययन के नतीजे राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (पीएनएएस) की कार्यवाही में प्रकाशित किए गए थे। भले ही क्षुद्रग्रह अभी भी अंतरिक्ष में हैं, वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि सौर ढाल के लिए विशाल सामग्री वहां पहुंचाना एक चुनौती होगी। फिलहाल कम ऊंचाई वाली अंतरिक्ष कक्षाओं में 50 टन वजन प्रक्षेपित करने में सक्षम रॉकेट ही नुकसानदेह बन सकते हैं।


R.O. No.12702/2
DPR ADs

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
रुपाली गांगुली ने करवाया फोटोशूट सुरभि चंदना ने करवाया बोल्ड फोटोशूट मौनी रॉय ने बोल्डनेस का तड़का लगाया चांदनी भगवानानी ने किलर पोज दिए क्रॉप में दिखीं मदालसा शर्मा टॉपलेस होकर दिए बोल्ड पोज जहान्वी कपूर का हॉट लुक नरगिस फाखरी का रॉयल लुक निधि शाह का दिखा ग्लैमर लुक