मेघालय में भविष्य में बिजली संकट गहराने की आशंका है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिजली की कमी से जूझ रहे मेघालय को आने वाले समय में कठिन दौर का सामना करना पड़ रहा है और अगले 7-8 वर्षों में कोई भी बिजली परियोजना पूरी होने की उम्मीद नहीं है।

सरकारी अधिकारियों ने द शिलॉन्ग टाइम्स को बताया कि बिजली की खराब उपलब्धता के कारण बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर बढ़ने की संभावना है।
एक अधिकारी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों ने बिजली से चलने वाले विद्युत उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और मोबाइल फोन को बढ़ावा दिया है, जिससे ऊर्जा की खपत बढ़ रही है और बिजली उत्पादन और वितरण कंपनियों पर अधिक दबाव पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, “किसी भी समय राज्य की पीढ़ी को जोड़ने में असमर्थता हमारी सबसे बड़ी चिंता है।”
सरकार वर्तमान में 280 मेगावाट मिंटडु-लेश्का जलविद्युत परियोजना के दूसरे चरण और 400 मेगावाट से अधिक बिजली पैदा करने की क्षमता वाली किंशी जलविद्युत परियोजना पर काम कर रही है।
इन परियोजनाओं की कल्पना एक दशक पहले की गई थी लेकिन विभिन्न कारणों से काम पूरा नहीं हुआ है। अधिकारी ने कहा, “पनबिजली परियोजनाओं में आम तौर पर जितना समय लगता है, उसे देखते हुए इन परियोजनाओं में कम से कम 7 साल लगेंगे।”