ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में व्रत त्योहारों को खास माना गया है लेकिन एकादशी का व्रत सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है जो कि हर माह में दो बार आता है अभी माघ मास चल रहा है और इस माह पड़ने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जा रहा है जो कि भगवान विष्णु की साधना को समर्पित दिन है इस दिन भक्त भगवान की विधि विधान से पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर षटतिला एकादशी का व्रत किया जाता है इस दिन तिल का 6 तरह से उपयोग करना लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा एकादशी तिथि पर तिल से भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा षटतिला एकादशी पर तिल का 6 तरीको से प्रयोग और मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं।
षटतिला एकादशी की तारीख—
हिंदू पंचांग के अनुसार षटतिला एकादशी माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि यानी 5 फरवरी को शाम 5 बजकर 24 मिनट से आरंभ हो रही है और इसका समापन 6 फरवरी को शाम 4 बजकर 7 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में एकादशी का व्रत पूजन 6 फरवरी दिन मंगलवार को करना लाभकारी होगा।
षटतिला एकादशी की पूजा का मुहूर्त—
पंचांग के अनुसार 6 फरवरी दिन मंगलवार को षटतिला एकादशी मनाई जाएगी और इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके पूजा पाठ करने का विधान है उस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 30 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 21 मिनट तक प्राप्त हो रहा है। वही पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 2 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 18 मिनट तक मिल रहा है यह समय पूजा के लिए श्रेष्ठ है।
एकादशी पर ऐसे करें तिल का प्रयोग—
षटतिला एकादशी के दिन तिल का इस्तेमाल 6 कार्यों में करना लाभकारी माना जाता है ऐसे में तिल को स्नान के जल में मिलाकर स्नान करें। तिल को उबटन मिलाकर पूरे शरीर पर लगाए। अगर हवन कर रहे हैं तो आहुति के लिए भी तिल का इस्तेमाल करें। इस दिन तिल का दान गरीबों में करें। एकादशी के दिन भोजन में भी तिल का इस्तेमाल करें इसके साथ ही तिल से इस दिन पितरो को तर्पण करें।
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