
ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में व्रत के त्योहारों की कमी नहीं है लेकिन एकादशी के व्रत में सभी की खास बात मानी गई है जिसमें भगवान विष्णु की आराधना को समर्पित किया जाता है। इस तिथि में जगत के पालनहार भगवान विष्णु की प्रिय तिथियां शामिल हैं। हर माह के मध्याह्न पूर्णिमा का व्रत हर माह में कुल 24 वर्ष में मनाया जाता है। जो श्री हरि की पूजा के लिए सर्वोत्तम मणि प्राप्त करता है।
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पंचांग के अनुसार हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर उत्पन्न होने वाली एकादशी का व्रत उसी के अनुसार किया जाता है जिसे अहम् मनी कहा जाता है। सिद्धांत यह है कि इस दिन भगवान विष्णु की साधना से हजारों कन्यादान और करोड़ों गौदान के समान पुण्य फल मिलते हैं, ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख से उत्पन्न ब्रह्माण्ड की तिथि और उत्सव से अवगत करा रहे हैं तो आइए जानते हैं ।।
उत्पन्ना ब्रह्माण्ड की तिथि—
हिंदू पंचांग के मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 8 दिसंबर दिन शुक्रवार की सुबह 5 बजे 6 मिनट तक रहेगी दिन 9 दिसंबर शनिवार की सुबह 6 बजे 31 मिनट तक रहेगी। ऐसे में 8 दिसंबर को सूर्योदय तिथि का समय रहेगा। इसलिए ये व्रत इसी दिन पर किया जाएगा। सिद्धांत यह है कि इस तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त पूजा पाठ और व्रत करने से फलों में फलों की वृद्धि होती है।
उत्पन्ना एकादशी का शुभ मुहूर्त—
उददिनी पर पूजन का शुभ उत्सव सुबह 8 नागार्जुन 19 मिनट से 9 मिनट तक 9 नागार्जुन 39 मिनट तक इसके अलावा दूसरा उत्सव का उत्सव सुबह 11 बजे 57 मिनट से दोपहर 12 बजे तक 39 मिनट तक रहेगा। दोपहर में पूजा का उत्सव 12 नागालैंड 18 मिनट से 1 बाग 38 मिनट तक रहेगा। शाम की पूजा का उत्सव 4 मिनट से 5 मिनट तक का होने वाला है इन उत्सव में श्री हरि की पूजा होगी।
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