
हिंदू धर्म में अमावस्या का बड़ा ही धार्मिक महत्व है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस माह अमावस्या 12 दिसंबर यानी मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि पितरों की कृपा पाने के लिए यह दिन बड़ा ही अच्छा माना जाता है। तो चलिए इस दिन होने वाले सत्यनारायण पूजा अनुष्ठान के बारे में जानते हैं –

श्री हरि विष्णु मंत्र
।।ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
।।ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर. भूरि घेदिन्द्र दित्ससि,
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्. आ नो भजस्व राधसि।।
सत्यनारायण पूजा का विधान
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए व्रत रखना फलदायी माना जाता है। इस दिन श्री सत्यनारायण की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जात है। पूजा स्थल पर भगवान सत्यनारायण और माता लक्ष्मी की तस्वीरें रखें और पूरे विधि अनुसार पूजा करें। पूजा के बाद हलवे का भोग लगाएं।
सत्यनारायण कथा का पाठ पूजा का एक महत्वपूर्ण अंग है और इसके पूरा होने के बाद ही पूजा पूर्ण मानी जाती है। इसलिए इस दिन सत्यनारायण कथा अवश्य सुने या पढ़ें। अंत में आरती से पूजा का समापन करें। साथ ही घर वालों को प्रसाद बांटकर स्वंय ग्रहण करें।