
राजसमंद। राजसमंद जिले में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत अब दिवेर में पॉल्ट्री फार्म और चूजे तैयार करने की हेचरी खोलने की तैयारी है। इस पर करीब एक करोड़ रुपए खर्च होंगे। हालांकि इसमें सरकार की ओर से पचास प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। जिले में पशुपालन के लिए करीब 21 लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किए हैं, इसमें अब तक एक आवेदन स्वीकृत हुआ है। केन्द्र सरकार की ओर से पशुपालन एवं डेयरी विभाग परिवर्तित राष्ट्रीय पशुधन मिशन कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।

इसमें बेरोजगारों को उद्यमी बनाने के लिए सरकार की ओर से 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी के तहत जिले के दिवेर में पशुपालक ने पॉल्ट्रीफार्म एवं हेचरी खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। उक्त आवदेन के स्वीकृत होने पर पशुपालन विभाग की ओर से उसकी जांच कर रिपोर्ट विभाग को भेज दी है। पशुपालक की ओर से बैंक लोन की कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में अब जल्द ही जिले की संभवतया पहली हेचरी खुलने का रास्ता साफ हो गया है। हेचरी के खुलने से जिले में पॉल्ट्री फार्म उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। पॉल्ट्री के लिए चूजे अजमेर-उदयपुर से लाने पड़ते थे। ऐसे में यहीं पर इनके उपलब्ध होने से इसे बढ़ावा मिलेगा। इसी प्रकार 20 और लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किए हैं। इसमें सर्वाधिक पॉल्ट्री और भेड़-बकरी पालन करना चाहते हैं।
उक्त योजना के तहत मुर्गीपालन के लिए कम लागत प्रोद्योगिकी के एक हजार मुर्गे-मुर्गी के फार्म की स्थापना, हेचरी व बूडर मदर इकाई की स्थापना की जा सकती है। इसी प्रकार मेमनों के उत्पादन के लिए 500 मादा व 25 नर भेड़/बकरी के प्रजनन फार्म की स्थापना की जा सकती है। हालांकि अब इनकी संख्या 100 और 10 बकरे कर दी गई है। शूकर उत्पादन के लिए 100 मादा व 10 नर शूकर के प्रजनन फार्म की स्थापना, चारा एवं चारा उद्यमिता के तहत साइलेज/ चारा ब्लॉक बनाने की इकाई तथा कुल मिश्रित राशन के लिए संयत्र की स्थापना की जा सकती है। उक्त सभी योजनाओं में 50 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।