
अमृतसर: शिरोमणि अकाली दल पंजाब बचाओ यात्रा निकाल रहा है. इसकी शुरुआत अटारी निर्वाचन क्षेत्र से हुई और यह राजासांसी निर्वाचन क्षेत्र से आगे बढ़ी है। इस बीच शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल पूरी लीडरशिप के साथ यात्रा में शामिल हैं. जिनके द्वारा लोगों की समस्याएं भी सुनी जा रही हैं. इस बीच पूर्व मंत्री और वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम मजीठिया भी पंजाब बचाओ यात्रा में शामिल हुए और उन्होंने पंजाब सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधा है.

सरकार और मुख्यमंत्री पर साधा निशाना: इस मौके पर बिक्रम सिंह मजीठिया ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने बदलाव के नाम पर पंजाब को आईसीयू में डाल दिया है. आज वे पंजाब को बचाने के लिए रैली निकाल रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब में कानून व्यवस्था गंभीर रूप से विफल साबित हुई है. इसके साथ ही पंजाब से जुड़े कई अन्य मुद्दे भी हैं, जिन्हें लेकर अकाली दल यह यात्रा कर रहा है.
सांसद मान को नजरबंद करना दुर्भाग्यपूर्ण: इसके साथ ही बिक्रम मजीठिया ने कहा कि जिस तरह से मौजूदा लोकसभा सदस्य सिमरनजीत सिंह मान को पंजाब में नजरबंद किया गया, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल हमेशा अपनी आवाज उठाते हैं और भगवंत मान की सरकार ने उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की है. साथ ही बोलते हुए उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को भगवंत मान ने जिस तरह से भाषण दिया वह बेहद हास्यास्पद है और उस भाषण को लेकर भगवंत मान के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान भाषण के दौरान अपने परिवार के बारे में बात कर रहे थे, जो नहीं करना चाहिए था।
‘मुख्यमंत्री मान को शराब छोड़ देनी चाहिए’ बिक्रम मजीठिया ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को शराब पीने से बहुत गंभीर बीमारी हो गई है और उनका उचित इलाज होना चाहिए. मजीठिया ने कहा कि मुख्यमंत्री मान चोरी-छिपे दिल्ली में डॉक्टरों से मिलने जाते हैं लेकिन डॉक्टर उन्हें सब कुछ बता देते हैं। इसके साथ ही मजीठिया ने कहा कि वह मुख्यमंत्री भगवंत मान को सलाह देना चाहते हैं कि उन्हें अब शराब छोड़ देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री साब अपने दो बच्चों के प्रति अपनी उचित जिम्मेदारी नहीं निभा सके लेकिन अब परिवार में आने वाले नए मेहमान के कारण उन्हें शराब छोड़ देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे और कुछ नहीं होगा, सिर्फ पंजाब सरकार का कुछ राजस्व कम हो जाएगा.