
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि ईवीएम से देश में चुनाव नहीं होना चाहिए। इसमें तकनीक काम करती है। दुनिया के कई देशों में इस तकनीक को समाप्त कर दिया गया। भारत में इस पर निर्णय चुनाव आयोग को करना है। हम देश को विश्वगुरु की उपाधि देते हैं तो ईवीएम को हटा देना चाहिए। ये बातें सीएम सोरेन ने अपनी सरकार के चार साल पूरे होने पर गुरुवार को आयोजित पत्रकार संवाद में कही। उन्होंने बैलेट पेपर से चुनाव के पक्ष में हामी भरी।

सीएम ने अपनी सरकार के कामकाज के दम पर ऐलान किया है कि 2024 में भी वही सरकार बनाएंगे। कहा कि जहां सड़क, पुल, पुलिया नहीं है, वहां पूरी सरकारी मशीनरी पहुंच रही है। वह खुद भी जा रहे हैं। विरोधी-विपक्षी उनकी सरकार के कामों के नीचे इस तरह दब जाएंगे कि कभी उठ नहीं सकेंगे। उनकी सरकार बनने के कुछ घंटे बाद ही विपक्ष गिराने में जुट गया। हम आदिवासी जरूर हैं, लेकिन बोका नहीं हैं। विरोधियों से सीख गए हैं कि कैसे नूराकुश्ती खेलनी है।
यह पूछे जाने पर कि विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल नहीं होने को लेकर उनपर कोई दबाव तो नहीं है। ईडी की दबिश को वह कैसे देख रहे हैं, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि ऐसी नहीं है कि वह डर जाएं। प्यार से बात करें तो सिर काटकर देने को तैयार हैं। ईडी के समन और प्रकरण को पूरा देश देख रहा है। उन्हें इसकी ज्यादा चिंता नहीं है। देश में कानून का शासन है। ईडी भी कायदे-कानून से चलती है और सरकार भी कायदे-कानून से चलती है। उन्होंने शेर पढ़ा- उसूलों पे जहां आंच आये टकराना जरूरी है, जो जिंदा हों तो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है। ईडी के समन से डर कर भागने के विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि वह भाग रहे हैं क्या? बोरिया-बिस्तर समेटकर विदेश में बैठ गए हैं क्या? राजनीतिक लोगों पर आरोप लगते हैं तो क्या संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप नहीं लग रहे हैं?
पूर्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा का भाजपा के साथ तालमेल रहा है, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कुछ लोग द्वेष फैलाते हैं। ऐसा व्यवहार लोग राजनीति में करते हैं तो लगता है कि राजनीति छोड़ खूनखराबा का काम करने लगे। हमारे सीनियर और बड़े लीडर का उदाहरण देखें। देश ने अटल बिहारी वाजपेयी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी समेत कई महान नेताओं को देखा है। इस संघीय ढांचे का सभी लोहा मानते हैं। कुछ लोग ऐसा वातावरण तैयार करते हैं कि लोग द्वेष भाव से ग्रसित हो जाएं। यह ठीक नहीं है। इंडिया गठबंधन के पीएम चेहरे पर सोरेन ने कहा कि लोकतंत्र में जनता चेहरा बनाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य का विकास केंद्र तथा राज्य सरकार के आपसी समन्वय से होता है, लेकिन उनका मानना है कि केंद्र सरकार से जो सहयोग हमें मिलना चाहिए था वह नहीं मिला है। इसके बावजूद हमारी सरकार आगे बढ़ती रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड गठन के बाद ही झारखंड आंदोलनकारियों की समस्याओं का समाधान हो जाना चाहिए था। वह खुद इस मामले को देख रहे हैं। जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान होगा। सीएम ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद आय के संसाधन कम हुए, केवल एक्साइज और बालू-गिट्टी ही बचा, जिस पर विपक्ष सवाल खड़ा करता है, केंद्र से झारखंड का हक मांगने में सहयोग नहीं करता।
अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने संबंधी सवाल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च जाते हैं। अभी तक राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का न्योता नहीं आया है। न्योता मिला तो वहां जाने का प्रयास जरूर करेंगे।