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विजयवाड़ा : एनटीआर जिले के संयुक्त कलेक्टर टी संपत कुमार ने बुधवार को यहां प्रेस क्लब में “संवैधानिक मूल्य – राजनीति” विषय पर दलित स्त्री शक्ति (डीएसएस) द्वारा आयोजित सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
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उन्होंने सभी को संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पिछड़ेपन का कारण अज्ञानता है।
संयुक्त कलेक्टर ने कहा कि मतदान के अधिकार का प्रयोग जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए और संविधान की रक्षा करने वालों को ही चुनना चाहिए। उन्होंने कहा, ”यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम संविधान की रक्षा के लिए खड़े हों।”
सम्मेलन की अध्यक्षता कर रही दलित स्त्री शक्ति की राष्ट्रीय संयोजक झाँसी गेड्डम ने कहा कि वर्तमान राजनीति संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप है या नहीं, इसका परीक्षण करना हम सभी की जिम्मेदारी है। कानून का शासन और गणतांत्रिक शासन प्रणाली संविधान के दो महत्वपूर्ण मूल्य हैं। कानून के शासन के सिद्धांत के अनुसार, सभी को समान मानते हुए कानून के अनुसार शासन चलाया जाना चाहिए और कानूनों का लागू होना सभी पर समान होना चाहिए। लेकिन, यदि कोई शासन के तरीके को देखता है, तो वह देख सकता है कि कानून को चुनिंदा और प्रतिशोध की भावना से लागू किया जाता है।
हाशिये पर पड़े लोगों को किसी न किसी बहाने से गिरफ्तार कर लिया जाता है और 24 घंटे के भीतर कभी भी अदालत में पेश नहीं किया जाता। सभी संसाधनों को केवल प्रमुख जाति के अभिजात वर्ग द्वारा साझा किया जाता है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश जेसु रत्न कुमार ने कहा कि शिक्षा और संस्कार वाले लोग राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं होते हैं, जिससे राजनीतिक क्षेत्र भ्रष्ट और अनैतिक ताकतों के लिए छोड़ दिया जाता है।
शिव भाग्य राव ने दलित वर्गों से संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक होने और उनकी रक्षा के लिए आगे आने का आह्वान किया। दलित शिक्षित होंगे तभी वे अपने अधिकारों की रक्षा कर सकेंगे।
इस अवसर पर प्रोफेसर सरस्वती अय्यर, संजा अंबेडकर ने भी बात की। इससे पहले, टी संपत कुमार ने दलित स्त्री शक्ति द्वारा प्रकाशित “संविधान इन ब्रीफ” पर तेलुगु पुस्तिका का विमोचन किया।