विश्व आदिवासी दिवस: जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम के सौंदर्यीकरण पर 4.50 करोड़ खर्च

झारखण्ड | विश्व आदिवासी दिवस को यादगार बनाने के लिए रांची में भव्य आयोजन की तैयारी चल रही है. दूसरी ओर, आदिवासी समुदाय के नेता माने जाने वाले मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की उपेक्षा की जा रही है. उनके सम्मान में वर्षों से जर्जर पड़े जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम का सौंदर्यीकरण पिछले एक साल से 4.50 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है.
काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है. ठेकेदार ने काम अधूरा छोड़ दिया। स्टेडियम में जयपाल सिंह मुंडा की तीन नई प्रतिमाएं लगाई गई हैं. उनके ऊपर प्लास्टिक बांध दिया गया, ताकि वे खराब न हों. अब वह प्लास्टिक फट गया है. हवा के साथ उड़ते प्लास्टिक को देखकर ऐसा लगता है मानो कोई फटा कपड़ा शरीर पर लहरा रहा हो।रख-रखाव के अभाव में पहले से स्थापित जयपाल सिंह मुंडा की प्रतिमा के आसपास झाड़ियां उग आयी हैं. वहीं बास्केटबॉल ग्राउंड और हॉकी एस्टोटर्फ ग्राउंड भी खेल शुरू होने से पहले ही टूटने लगा है.
असामाजिक तत्वों का अड्डा, झूलों में लगा जंग
स्टेडियम के सौंदर्यीकरण का काम कर रहे ठेकेदार और निगम के बीच बिल के भुगतान को लेकर लंबे समय से खींचतान चल रही है। इसके चलते निर्माण कार्य रुका हुआ है। नतीजा यह है कि झूले व बेंच जंग खा रहे हैं। स्टेडियम के एक तरफ असामाजिक तत्व जमे रहते हैं.
जल्द ही निर्माण कार्य पूरा कर हैंडओवर ले लेंगे।
जयपाल सिंह स्टेडियम का निर्माण कार्य जल्द पूरा होगा. कुछ समय से काम रुका हुआ था, उसे शुरू करने का निर्देश दिया गया है. मूर्ति को उचित स्थान पर रखने का भी निर्देश दिया गया है. जहां खामियां होंगी, उन्हें भी दूर करेंगे।
