
हरियाणा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एंटी-नेशनल नैरेटिव को कोरोना वायरस की तरह बताया है. धनखड़ ने कहा कि हम में से कुछ सुनियोजित तरीके से या नासमझी की वजह से एंटी-नेशनल नैरेटिव को बढ़ाने में आनंद लेते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए, आप इसका विरोध कीजिए. यह एक कोविड वायरस की तरह है, जिसे बेअसर करना होगा.
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भारतवर्ष की जो वर्तमान गवर्नेंस है, उसको मैं गीता गवर्नेंस कह सकता हूं।
भगवान श्री कृष्ण ने कहा अर्जुन तेरे सामने कौन है?
रिश्तेदार होंगे, गुरुजन होंगे, प्रियजन होंगे, मित्र होंगे! पथभ्रष्ट मत हो, कर्तव्य को मत छोड़ो, कर्तव्य को करते रहो!
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी… pic.twitter.com/kmpOuM5eK5
— Vice President of India (@VPIndia) December 17, 2023
उपराष्ट्रपति धनखड़ रविवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. धनखड़ का कहना था कि कुछ लोग देश-विरोधी बातें फैलाने में आनंद लेते हैं. लोगों को उनका विरोध करना चाहिए क्योंकि यह कोविड वायरस की तरह है. इस कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी भी मौजूद थे.
धनखड़ ने कहा, जब दुनिया के सामने दो बड़े मुद्दे थे, तब पीएम मोदी ने गीता से मार्गदर्शन लेते हुए कहा कि बातचीत और कूटनीति के जरिए युद्ध से बचने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए. उन्होंने महाभारत काल का संदर्भ देते हुए कहा, भगवान कृष्ण ने यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि कोई युद्ध ना हो. उन्होंने कहा, लेकिन एक बार जब यह अपरिहार्य हो गया, तब भी भगवान कृष्ण ने अर्जुन को ‘ज्ञान’ दिया, जिस पर हमें आज विचार करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि कभी भी कर्त्तव्य का मार्ग मत छोड़ो और आज पीएम मोदी भी ऐसा ही कर रहे हैं. धनखड़ ने मुख्यमंत्री खट्टर की भी प्रशंसा की और उन्हें गीता का ‘सच्चा अनुयायी’ बताया. उपराष्ट्रपति ने कहा कि जहां एक मुख्यमंत्री के रूप में खट्टर की पहचान लोगों को प्रिय है, वहीं वह पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही के लिए जाने जाते हैं. इस अवसर पर खट्टर ने कहा कि गीता सिर्फ एक किताब या धर्मग्रंथ नहीं है, यह जीवन का सार है, गीता सार्वभौमिक और शाश्वत है. धनखड़ ने केंद्र सरकार को ‘गीता शासन’ के सिद्धांतों के साथ जोड़ने पर जोर दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की धार्मिकता और कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की.