
दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को एक कार्यक्रम में खुद को ‘पीड़ित’ बताया है. उन्होंने कहा, तमाम अपमान सहने के बावजूद किसी को सेवा के रास्ते से कभी नहीं हटना चाहिए. धनखड़ ने कहा, मैं एक पीड़ित हूं. एक पीड़ित को पता होता है कि अंदर से अपमान का कैसे सामना करना है. सब अपमान सहना है. एक दिशा के साथ हम अपनी भारत माता की सेवा में हैं.
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I am a sufferer!
A sufferer knows how to withstand from within, taking all upfront, enduring all insults, with one direction – we are in the service of our Bharat Mata.@NSSTA_Official @GoIStats pic.twitter.com/GgLFZY8qqf
— Vice President of India (@VPIndia) December 24, 2023
उपराष्ट्रपति धनखड़ यहां भारतीय सांख्यिकी सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के एक ग्रुप को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हालांकि वो उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति हैं, लेकिन लोग मुझे भी नहीं छोड़ते हैं. धनखड़ का कहना था, हर किसी को दूसरों के दृष्टिकोण को जगह देनी चाहिए लेकिन जब दूसरों को उनके रास्ते से हटाने के इरादे से विचार पेश किए जाते हैं तो लोगों को अपनी ‘रीढ़ की ताकत’ दिखानी चाहिए. उन्होंने कहा, क्या मुझे अपनी मानसिकता बदलनी चाहिए? नहीं. क्या इससे रास्ता भटक जाना चाहिए? नहीं.
उपराष्ट्रपति की यह टिप्पणी हाल ही में संसद में समाप्त हुए शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में व्यवधान और राज्यसभा से विपक्षी सांसदों के बड़े पैमाने पर निलंबन के बाद आई है. इससे पहले विपक्ष ने आरोप लगाया था कि असहमति की आवाज को दबाया जा रहा है. धनखड़ ने कहा, सदन में गतिरोध को हल करने के लिए बातचीत के सभी प्रयास विफल होने के बाद यह आखिरी कदम था. उन्होंने यह भी कहा कि युवा अधिकारियों के रूप में उन्हें देश के विकास के प्रति उन लोगों से कभी डरना नहीं चाहिए, जिनका पाचन तंत्र खराब है.