बालाघाट के जंगलों में दिखा बाघ, ग्रामीणों में दहशत

बालाघाट। लालबर्रा क्षेत्र की ग्राम पंचायत पनबिहरी के ग्रामीण हिंसक वन्य प्राणी बाघ की दस्तक से दहशत में आ गए हैं। बताया गया कि गत दिवस ही बाघ ने बालक छात्रावास के आगे वार्ड 7 एवं 8 में एक पालतु मवेशी को अपना शिकार बनाया है। वहीं बाघ की आमद ग्राम के नजदीक ही बनी हुई है। ऐसे मेें ग्रामीण पूरी तरह से दहशत में आ गए हैं। जिन्होंने अकेले घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है। अपने पालतु मवेशियों को लेकर भी ग्रामीणों की चिंता व्यक्त की है। जिन्होंने वन विभाग से बाघ को पकडकऱ अन्यत्र स्थान पर छोडऩे की मांग की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पनबिहरी के वार्ड 7 निवासी राजू बिसेन ने 12 जनवरी को सुबह समीप स्थित खेत में अपने पालतु मवेशी गाय को चरने के लिए छोड़ा था। देर शाम तक मवेशी घर वापस नहीं पहुंचा। आसपास तलाश करने पर मवेशी नजर नहीं आया। 13 जनवरी को कुछ लोगों को बाघ दिखाई दिया, वहीं बाघ के दहाडऩे की आवाज भी सुनाई दी। शिकार की आशंका होने पर खेत के आस-पास घुमकर देखा गया, राजू को अपने मकान से करीब 200 मीटर दूर मवेशी मृत अवस्था में पड़ा मिला। मवेशी के शरीर एवं आसपास बाघ के पंजे के निशान दिखाई दिए। सूचना तत्काल वन विभाग को दी गई। इसके बाद वन अमला हरकत में आया है। बताया गया कि मवेशी की मौत के बाद ग्रामीण जन भी झुंड बनाकर बाघ की तलाश कर रहे हैं।
वहीं वन विभाग ने भी सर्चिंग शुरू की दी है। गत दिवस शाम करीब 05 बजे ग्रामीणों को बाघ के दहाडऩे की आवास सुनाई दी। जानकारी वन अमले को दी गई। वन अमले ने टार्च की रोशनी में बाघ की तस्दीक करने के प्रयास किए। इस दौरान उन्हें एक बाघ नजर आया। इस दृश्य को ग्रामीणों ने अपने मोबाइल में कैद करने के प्रयास भी किए। हालाकि अंधेरा होने के कारण वन विभाग ने ग्रामीणों को सुरक्षित वापस लौटने की सलाह देकर लौटा दिया गया। बाघ की मौजूदगी के बाद से पनबिहरी सहित आस पास के गांवों में भी दहशत का माहौल बना हुआ है। जिनका कहना है कि बाघ की आस पास मौजूदगी बने रहना ग्रामीणों और पालतु मवेशियों के लिए घातक साबित हो सकता है। इस कारण जितनी जल्दी हो सकें बाघ को पकडऩे दूर जंगल में छोड़ा जाना चाहिए। ग्रामीणों ने वन विभाग से तत्काल पिंजरा लगाकर बाघ को पकडऩे की मांग की है।