
देहरादून: देहरादून के राजपुर स्थित सिंगली गांव में मंगलवार रात एक गुलदार घर के बरामदे से तीन साल के मासूम को उठा ले गया। बच्चे का क्षत-विक्षत शव बुधवार तड़के घर से करीब सौ मीटर दूर झाड़ियों में मिला। लोगों का कहना था कि कुत्ते की तलाश में गुलदार घर तक पहुंचा था।

गुलदार के हमले से बेटे को बचाने के लिए मां छह फीट ऊंचे पुश्ते से कूदी भी थी, लेकिन आदमखोर पलक झपकते ही बच्चे को लेकर झाड़ियों में ओझल हो गया। घटना के बाद परिवार में कोहराम मचा है। इकलौते बच्चे को खोने के बाद मां पूरी तरह बेसुध है। पुलिस को मंगलवार रात करीब 11 बजे सूचना मिली कि सिंगली गांव में गुलदार एक बच्चे को उठा ले गया है।
पुलिस की कई टीमें तत्काल घटनास्थल पर पहुंचीं। रायपुर वन रेंज की टीम व क्यूआरटी भी मौके पर पहुंचीं। पूछताछ में पता चला कि गुलदार सिंगली गांव निवासी अरुण के बेटे अयांश को उठा ले गया। घर के बरामदे में हुई इस घटना के वक्त मां वहीं मौजूद थी। वन विभाग और पुलिस की टीमों ने आसपास के जंगल में तीन साल के बच्चे की तलाश की, पर अंधेरे के चलते कुछ पता नहीं चला। रातभर टीमें कांबिंग में लगी रहीं।
रेंजर राकेश नेगी ने बताया कि तड़के चार बजे बच्चे का क्षत-विक्षत शव घर से करीब सौ मीटर दूर झाड़ियों में मिला। शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। वहीं गुलदार की तलाश में गश्त जारी है। रेंजर नेगी ने बताया कि कुत्तों का पीछा करते हुए गुलदार गांव में आ गया होगा। डीएफओ मसूरी वैभव कुमार ने बताया कि पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
स्थानीय लोगों और वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उनके घर में और आसपास कई कुत्ते हैं। जिनकी गंध से गुलदार वहां पहुंचा होगा। घर के चारों ओर जंगल होने की वजह से गुलदार आसानी से वहां पहुंचा गया।
घर के पिछले हिस्से से लगती गली से होकर वह आगे पहुंचा और बरामदे से बच्चे को लेकर चला गया। जबकि कुछ ही दूरी पर कुत्ते भी बैठे हुए थे, लेकिन उससे पहले ही गुलदार बच्चे को ले गया। जब यह घटना हुई तो सभी लोग लाठी-डंडे और टार्च लेकर बच्चे की तलाश में जुट गए, लेकिन कहीं उसका पता नहीं चला।
वन विभाग ने घटना के तुरंत बाद ही मृतक के परिजनों के लिए मुआवजे का चेक तैयार कर लिया। रेंजर राकेश नेगी ने बताया कि घटना की सूचना और सारी प्रक्रिया पूरी कर उन्होंने डीएफओ मसूरी वैभव सिंह को मुआवजे का पत्र भेज दिया था।