
उदयपुर। राजस्थान सरकार की सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक में स्थित परसा खदान को शुरू कराने और परसा ईस्ट कांता बासन (पीईकेबी) के नियमित संचालन के लिए स्थानीय ग्रामीण अब एकजुट हो गए हैं. इन दोनों परियोजनाओं के विषय में क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों ने सोमवार को ग्राम हरिहरपुर में पधारे पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता टीएस सिंहदेव से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा.

ग्रामीणों ने ज्ञापन में उनके क्षेत्र में आवंटित एक मात्र कोयला खदान पीईकेबी के नियमित संचालन और सालों से रुकी हुई परसा कोयला परियोजना को शुरू कराने उत्पन्न सभी व्यवधानों को खत्म कराने की बात कही है. इसके पूर्व में भी इन ग्रामीणों ने 10 दिसंबर 2021 को इंदौर में आयोजित भारत जोड़ों यात्रा में सांसद राहुल गांधी को 1208 लोगों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन दिया था, जबकि 1 जून 2021 को रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 534 लोगों का हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपा था. इसके अलावा 8 मार्च 2022 को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को 60 लोगों का आवेदन और 3 नवंबर 2023 को 1732 लोगों का हस्ताक्षरित ज्ञापन तत्कालीन मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को सौंपा गया था. इन सभी तारीखों में ग्रामीणों से मुलाकात के दौरान टीएस सिंहदेव ने क्षेत्र में चल रही पीईकेबी खदान के सभी व्यवधानों को दूर करते हुए इसके नियमित संचालन का आश्वासन दिया गया था.
ग्रामीणों ने 25 दिसंबर 2023 को टीएस सिंहदेव काे सौंपे दो अलग-अलग ज्ञापनों में परसा कोल ब्लाक के सभी भूमि प्रभावित परिवार द्वारा परसा कोल ब्लॉक को शीघ्र चालू करवाने एवं बेरोजगारों को नौकरी दिलवाने की बात कही है. ज्ञापन में लिखा है कि,” हम सभी खाता धारक एवं प्रभावित ग्रामवासी साल्ही, जर्नादनपुर, फतेपुर, तारा एंव हरिहरपुर गांव के निवासी हैं और हमने राजस्थान राज्य विधुत उत्पादन निगम लिमिटेड को आबंटित परसा कोल ब्लॉक का भूमि का मुआवजा विगत दो वर्ष पूर्व ले चुके हैं, जमीन के मुआवजा के साथ-साथ हम लोगों का जमीन राजस्थान राज्य विधुत उत्पादन के नाम से ट्रांसफर हो चुका है, किंतु आज तक खदान का संचालन प्रारंभ नहीं हो सका है. इसके चलते हम प्रभावित ग्रामीणों को आज तक परियोजना में विगत दो वर्षो पश्चात भी नौकरी और अन्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ा है.
आज, हसदेव अरण्य में कोयला उत्खनन के उद्देश्य से जंगलों को उजाड़ने के विरोध में संघर्ष कर रहे उस क्षेत्र के मूलनिवासी आदिवासी भाई-बहनों एवं ग्रामीणों से मुलाकात की।
शांतिपूर्वक विरोध करना हमारे आदिवासी भाई बहनों का अधिकार है, मगर जिस तरीके से पुलिस प्रशासन ने क्षेत्र के आदिवासी… pic.twitter.com/vPE3OpmM7S
— T S Singhdeo (@TS_SinghDeo) December 25, 2023
ज्ञापन में कहा गया है कि हम सभी प्रभावित ग्रामवासी दो वर्षों से लगातार शासन एंव परियोजना से नौकरी की मांग करते आ रहे हैं. इसके लिए हम लोग कई बार शासन / प्रशासन को मांग पत्र दे चुके हैं, परतुं आज तक प्रभावित भूस्वामियों को नौकरी नहीं मिल पाई है, जबकि परसा कोल ब्लॉक का सभी वैधानिक कार्यवाही पूर्ण होने के बाद भी शासन द्वारा जबरन खदान पर रोक लगाकर रखा गया है, जिसके कारण हमारी रोजी-रोटी एवं विकास प्रभावित हो रही है. अब हम लोग उस भूमि पर खेती किसानी तथा अन्य कुछ भी कार्य नहीं कर पा रहे हैं और न ही खदान खुल पा रहा है, जिससे हम लोगों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है. हमारे बच्चों का भविष्य अधंकारमय होता जा रहा है.“