
हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक हुई. बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई. इस बैठक में प्रदेश की जनता के हित से जुड़े कई फैसला लिए गए. मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया है कि 8 जनवरी से पूरे प्रदेश में ‘सरकार गांव के द्वार’ की शुरुआत होगी. इस दौरान 12 फरवरी तक गांव के समूह में सरकारी योजना के लाभार्थियों के साथ संवाद किया जाएगा. इस संवाद को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के दूसरे चरण को शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है. यह योजना 100 किलोवाट से 500 किलोवाट तक क्षमता की सोलर पावर परियोजनाओं को स्थापित करने पर केंद्रित होगी. सरकार का दावा है कि यह योजना हिमाचल प्रदेश के अक्षय ऊर्जा लक्ष्य को हासिल करने में मील का पत्थर साबित होगी. यह योजना 21 साल से 25 साल की आयु के युवाओं को उद्यमशीलता के मौके देगी।
इस योजना के तहत प्रतिभागियों को तीन बीघा भूमि पर 100 किलोवाट क्षमता की परियोजना स्थापित करने के लिए 25 साल तक हर महीने 20 हजार रुपए की मासिक आय होगी. पांच और 10 बीघा भूमि में स्थापित की जाने वाली 200 किलोवाट और 500 किलोवाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए 40 हजार रुपए और एक लाख रुपए हर महीने मिलेंगे. इस योजना के तहत वित्त पोषण में राज्य सरकार की ओर से 70 फीसदी बैंक लोन उपलब्ध करवाने में भी मदद की जाएगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से 30 फीसदी इक्विटी भी सरकार ही देगी. सोलर एनर्जी डेवलपर को सिर्फ 10 फीसदी जमानत राशि ही जमा करनी होगी. यह जमानत राशि 25 साल के बाद डेवलपर को वापस कर दी जाएगी।