
एसआरई (सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर) फंड के तहत झारखंड पुलिस को 107 करोड़ रूपया आवंटित किया गया है. इसे लेकर गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है. वित्तीय वर्ष 2023-24 को लेकर केंद्र द्वारा एसआरई फंड के लिए 124.92 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी गई थी. जिसके विरुद्ध गृह विभाग की ओर से झारखंड को 107 करोड़ रूपया आवंटित किया गया है. गौरतलब है कि एसआरई फंड उग्रवाद से गंभीर रूप से प्रभावित राज्यों को दी जाती है. केंद्र सरकार, राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करके अपने पुलिस बलों को पूरी तरह से आधुनिक बनाने और आधुनिक उपकरणों से लैस करने के लिए सहायता प्रदान करती है

एसआरई फंड से ये होगा कार्य
-उग्रवादी हिंसा में मारे गए नागरिकों/सुरक्षाबल के परिवारों को मुआवजा राशि का भुगतान.
– सरेंडर करने वाले नक्सलियों को मुआवजा.
– फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन का निर्माण.
– सिविक ऐक्शन प्रोग्राम
उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए सड़क का निर्माण
– नक्सलरोधी अभियानों के लिए हेलीकॉप्टर मुहैया कराना.
– चार पहिया और दो पहिया वाहन के लिए फंड
– पुलिस पिकेट बनाने के लिए फंड
– उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती.
झारखंड में माओवाद प्रभाव वाले 16 जिले हैं
झारखंड में माओवाद प्रभाव वाले जिलों में रांची, खूंटी, बोकारो, चतरा, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं. वहीं आठ अति माओवाद प्रभावित जिलों में चतरा, गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं.
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