लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्यों की संपत्ति कुर्क, NIA का बड़ा एक्शन

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) देश में आतंकी-गैंगस्टर और ड्रग तस्करी के मकड़जाल को खत्म करने की दिशा में कदम उठा रही है. ऐसे ही एक और बड़े कदम में एआईए ने शनिवार (6 दिसंबर) को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्वोई की संगठित टेरर-क्राइम सिंडिकेट के सदस्यों की चार चार संपत्तियों को अटैच किया.

इन संपत्तियों में से एक चल और तीन अचल हैं. एनआईए की और से यूएपीए के प्रावधानों के तहत हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में समन्वित छापेमारी में संपत्तियां कुर्क की गईं. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एनआईए ने हथियार जब्ती मामले में जम्मू-कश्मीर में एक आवासीय घर को कुर्क किया. एनआईए ने कहा कि उसने पाया कि ये सभी संपत्तियां आतंकवाद की आय हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने और गंभीर अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जाता है.
कुर्क की गई संपत्तियों में लखनऊ के गोमती नगर एक्टेंशन में सुलभ आवास योजना के आश्रय-1 का फ्लैट-77/4 शामिल है, जो लखनऊ में आतंकी गिरोह के आश्रयदाता विकास सिंह से संबंधित है. कुर्क की गई दो अन्य संपत्तियां पंजाब के फाजिल्का के गांव बिशनपुरा की हैं जो आरोपी दलीप कुमार उर्फ भोला उर्फ दलीप बिश्नोई के स्वामित्व में थीं. हरियाणा के यमुनानगर निवासी जोगिंदर सिंह के नाम पर पंजीकृत एक फॉर्च्यूनर कार भी जब्त की गई.
एनआईए की जांच के मुताबिक, विकास सिंह लॉरेंस बिश्नोई का सहयोगी है, जिसने पंजाब पुलिस मुख्यालय पर रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) हमले में शामिल आरोपियों समेत आतंकियों को शरण दी. जोगिंदर सिंह लॉरेंस के करीबी गैंगस्टर काला राणा का पिता है. जोगिंदर सिंह पर आरोप है कि वह आतंकी कृत्यों के लिए हथियार और गोला-बारूद के ले जाने के लिए अपनी फॉर्च्यूनर कार का इस्तेमाल करने दे रहा था. आरोपी दलीप कुमार की संपत्ति का इस्तेमाल हथियारों को रखने और आतंकी गिरोह के सदस्यों को शरण देने के लिए किया जा रहा था. एनआईए ने अगस्त 2022 में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उसके सहयोगियों के संगठित क्राइम-सिंडिकेट के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था.