
रांची: प्रतिबिंब ऐप की मदद से रांची में पहली बार दो साइबर अपराधी रांची के गोंदा इलाके से दबोचे गए। दोनों अपराधी पवन मंडल और मंटू मंडल सगे भाई हैं। दोनों गिरिडीह के निवासी हैं। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि दोनों चार साल से यह गोरखधंधा कर रहे थे। इसका खुलासा करते हुए सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने शुक्रवार को बताया कि दोनों ने रांची समेत देशभर में 150 से ज्यादा लोगों को शिकार बनाया है। जांच में पता चला है कि ठगी के पैसों से दोनों ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। सिटी एसपी ने बताया कि दोनों ने कार भी रखी थी, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। पूछताछ में इन्हें अपने गिरोह के अन्य गुर्गों का भी खुलासा किया है।

रांची पुलिस को सूचना मिली थी कि गोंदा के डैम साइड में साइबर अपराधी जमे हुए हैं। यहीं से फिसिंग और बैंक का केवाईसी अपडेट के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं। ठगी करने वाले साइबर अपराधियो ने आंध्र प्रदेश के एक कारोबारी से भी 49 हजार रुपये ठगे थे। आंध्र के कारोबारी ने साइबर क्राइम पोर्टल नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई थी। ठगों के नंबर को सीआईडी के प्रतिबिंब ऐप पर डाला तो उसकी लोकेशन रांची आई।
लोकेशन के आधार पर पुलिस डैम साइड पहुंची। इसी बीच सस्पेक्ट लगातार मूव करता रहा। शक के आधार पर पुलिस ने सफेद रंग की कार को रोकना चाहा तो चालक भागने की कोशिश करने लगा। लेकिन पुलिस ने पीछा कर पकड़ा लिया। कार से दो लोग पकड़े गए, जिनकी पहचान कुख्यात साइबर अपराधी पवन और मंटू के रूप में हुई।
गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 22 हजार नगद, कई बैंकों के एटीएम कार्ड, पासबुक, काफी संख्या में सिम कार्ड और डेढ़ दर्जन मोबाइल में बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार दोनों अपराधी उत्तर प्रदेश और गिरिडीह से कई बार जेल जा चुके हैं।
प्रतिबिंब ऐप की मदद से पिछले एक साल में झारखंड से 1000 से ज्यादा साइबर अपराधी गिरफ्तार हो चुके हैं। यही वजह है कि अब साइबर अपराधी गिरिडीह, देवघर, जामताड़ा व धनबाद से निकलकर रांची को अपना ठिकाना बना रहे हैं। ताकि वह पुलिस की नजरों से बच सके। रांची के सिटी एसपी ने बताया कि गिरफ्तार साइबर अपराधियों से पूछताछ की जा रही है ताकि उनके पूरे सिंडिकेट को दबोचा जा सके।
झारखंड के लिए 16वीं राज्यस्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक शुक्रवार को रांची में आरबीआई पटना द्वारा आयोजित की गई। झारखंड में मुद्रा तिजोरी के साथ एटीएम सुरक्षा पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता सीआईडी के महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने की। उन्होंने बैंकों में होने वाली धोखाधड़ी संबंधी मामलों से निपटने में तेजी लाने पर जोर दिया। बैंकों को साइबर धोखाधड़ी और साइबर सुरक्षा से जुड़े मामलों पर तुरंत कार्रवाई करने पर भी बल दिया।