
तमिलनाडु। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने धनुषकोडी में अरिचल मुनाई बिंदु का दौरा किया, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहीं पर राम सेतु का निर्माण हुआ था। वाल्मीकि रामायण कहती है कि जब श्रीराम ने सीता को लंकापति रावण से छुड़ाने के लिए लंका पर चढ़ाई की, तो उन्होंने नल और नील से एक सेतु बनवाया था। इस सेतु को बनाने वानर सेना ने नल और नील की मदद की थी। इस सेतु को पानी में तैरने वाले पत्थरों का इस्तेमाल कर बनाया गया था।

#WATCH | Tamil Nadu: Prime Minister Narendra Modi visits Arichal Munai point in Dhanushkodi, which is said to be the place from where the Ram Setu was built. pic.twitter.com/pj0yc5t6Fg
— ANI (@ANI) January 21, 2024
रामसेतु पर कई शोध हुए हैं कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी तक इस पुल पर चलकर रामेश्वरम से मन्नार द्वीप तक जाया जा सकता था, लेकिन तूफानों ने यहां समुद्र को कुछ गहरा कर दिया। 1480 ईस्वी सन् में यह चक्रवात के कारण टूट गया और समुद्र का जल स्तर बढ़ने के कारण यह डूब गया।
राम सेतु के तैरते पत्थरों के बारे में आपने रामायण पढ़ा ही होगा या फिल्मों-नाटकों के माध्यम से इन्हें कलात्मक रूप में देखा भी होगा। पत्थरों पर भगवान श्री राम का नाम लिखा होता है जो पानी में तैरते हैं। पटना में भी बीते बुधवार को गंगा नदी में तैरता एक पत्थर मिला। इस पत्थर पर भगवान श्रीराम का नाम लिखा है।
राम सेतु के बारे में अब तक के भूवैज्ञानिक और वैज्ञानिक अनुसंधानों से यह सिद्ध हो चुका है कि यह प्राकृतिक चूना पत्थर की चट्टानों से बनी 48 किलोमीटर लंबी संरचना के रूप में आज भी मौजूद है।