
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में वीरवार को सदन में मंत्रियों की गैर-मौजूदगी का मुद्दा छाया। कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने गत बुधवार को सदन में मंत्रियों की गैर-मौजूदगी का मामला उठाया। व्यवस्था का हवाला देते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंत्री सदन में जवाब देने के लिए उपस्थित नहीं हैं और कार्यवाही चलती रही। इस पर सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गए। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान को सत्ता पक्ष का बचाव करना पड़ा लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने अपनी बात पूरी की। इस पर संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने आश्वस्त किया कि भविष्य में इस तरह की खामियां नहीं दोहराई जाएंगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने अपने सवाल के जवाब देने के लिए उपमुख्यमंत्री को अधिकृत किया हुआ था।
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शाम 6 बजे कैबिनेट की बैठक शुरू हुई। इससे पहले सदन की अवधि बढ़ाई जा चुकी थी। कैबिनेट की बैठक की वजह से मंत्री सदन में उपस्थित नहीं हो सके। इससे पहले भी सदन की बैठक के दौरान कैबिनेट की बैठकें होती रही हैं। उन्होंने कहा कि वॉकआऊट करना विपक्ष का अधिकार है लेकिन उसे चर्चा में भाग लेकर जनहित के मुद्दों का उत्तर लेना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मंत्रियों की अनुपस्थिति पर तल्ख तेवर दिखाया। उन्होंने कहा कि “दिस हाऊस मस्ट बी इन्फाॅर्मड हू इज वेयर?” उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी को डिक्टेट नहीं कर रहे, लेकिन बीते रोज खामियां रही हैं। उन्होंने कहा कि सदन की अवधि पक्ष-विपक्ष की सहमति से बढ़ाई गई। उल्लेखनीय है कि गत दिन सदन में उठे एक मामले के दौरान मंत्री सदन में उपस्थित नहीं थे और न ही किसी दूसरे मंत्री को अधिकृत किया गया था।