नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने फ्लैट दिलाने के नाम पर 40 से अधिक लोगों को कथित तौर पर ठगने और 5 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का दुरुपयोग करने के आरोप में 38 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान द्वारका सेक्टर-23 निवासी प्रदीप सहरावत के रूप में हुई है। वह इसी तरह के छह अन्य धोखाधड़ी के मामलों में भी शामिल पाया गया। वैभव कुमार सिंह और अन्य की शिकायत पर ईओडब्ल्यू पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया। अधिकारी ने कहा, ”ईओडब्ल्यू में शिकायतें द्वारका जिले से मिली थी और ये शिकायतें डीडीए की लैंड पूलिंग पॉलिसी धोखाधड़ी से संबंधित थी।
शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें कैंप डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के पदाधिकारियों द्वारा एल-जोन (द्वारका) में ‘द क्रिस्टल रेजीडेंसी’ और ‘ईडन हाइट’ प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने के लिए प्रेरित किया गया था, जिसे द्वारका में 10 एकड़ भूमि में बनाया जाना था।” कैंप डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और शिकायतकर्ताओं के बीच एमओयू पर कथित प्रदीप सहरावत ने हस्ताक्षर किए थे। ईओडब्ल्यू के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सुरेंद्र चौधरी ने कहा, ”सभी शिकायतकर्ताओं को 2019 में उनके फ्लैट मिलने का आश्वासन दिया गया था, और शिकायतकर्ताओं के पास एमओयू पर हस्ताक्षर करने की तारीख से तीन साल के बाद नौ प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज के साथ पूरी राशि वापस पाने का विकल्प भी था।”
जांच के दौरान 30 और शिकायतें मिली, और सभी शिकायतों को उक्त मामले की जांच के साथ जोड़ दिया गया। डीसीपी ने कहा कि शिकायतकर्ताओं को बताया गया था कि लैंड पूलिंग नीति को सरकार ने 2013 में मंजूरी दी थी। इसमें कहा गया है कि इस नीति के तहत डीडीए किसी व्यक्ति, बिल्डरों के समूह से जमीन लेगा और इसे विकसित करके इसके मालिकों को लौटा देगा। उन्होंने आगे कहा कि जांच के दौरान खुलासा हुआ कि डीडीए ने कैंप डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को कोई भी लाइसेंस/अप्रूवल नहीं दिया है। कथित कंपनी ने लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत डीडीए को कोई जमीन नहीं दी थी। यह प्रोजेक्ट रेरा में पंजीकृत भी नहीं था। डीसीपी ने कहा, ”आरोपी सहरावत के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने के बाद उसे 5 जनवरी को मौजूदा मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।”