नीतीश कुमार सीएम पद की कुर्सी से मार सकते है पलटी, जल्द दे सकते है इस्तीफा

बिहार। बिहार की राजनीति पर छाए संदिग्धता के बादल अब झंटने लगे हैं. यह तय हो चुका है कि नीतीश कुमार सीएम पद की कुर्सी संभालने के लिए 5वीं बार पलटी मारने जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक़ बीजेपी के साथ उनकी डील पक्की हो चुकी है. ख़बर यहां तक है कि कांग्रेस के भी 19 में से 10 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. दरअसल, नीतीश कुमार के पाला बदलने की आशंकाओं के बीच आरजेडी भी प्लान B पर काम करने लगी है. उसके सामने बहुमत के लिए महज़ 8 सीटों की ज़रूरत है. ऐसे में आरजेडी के प्लान को ध्वस्त करने पर भी बीजेपी का एक कुनबा जुट गया है. आपको बता दें कि आरजेडी, लेफ़्ट और कांग्रेस को मिलाकर बिहार में 114 सीटें हैं और बहुमत के लिए 122 सीटों की दरकार है. सूत्रों के मुताबिक़ नीतीश कुमार 28 जनवरी को 9वीं बार सीएम पद की शपथ ले सकते हैं. वहीं, सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की भी चर्चा है।

बिहार के तमाम नेताओं के बीच सुशील मोदी के पास नीतीश के साथ काम करने का लंबा अनुभव है. पिछली बार नीतीश के साथ गठबंधन में भी सुशील मोदी उप-मुख्यमंत्री रहे थे. इसमें कोई शक नहीं लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनज़र बिहार की सियासत में बीजेपी एक क़द्दावर ख़ेमा है. लेकिन, अति पिछड़ों और अति पिछड़ों को साधे रखने की चुनौती भी बीजेपी के सामने खड़ी है. हालांकि, चिराग़ पासवान और जीतनराम मांझी जैसी राजनीतिक शख़्सियतें एनडीए के साथ हैं. लेकिन, जानकार मानते हैं कि जो बड़ा और विश्वसनीय वोट शेयर नीतीश एनडीए की झोली में डाल सकते हैं वो दूसरा कोई नहीं कर सकता. पहले से ही लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी पिछड़ों और ख़ासकर यादव मतदाताओं की चैंपियन रही है. मुस्लिम समाज में भी आरजेडी का अच्छा-खासा दमख़म है. अगर इसके बीच नीतीश का साथ आरजेडी के लिए बना रहता है तो लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उम्मीद से कम सीटें आने की ज्यादा संभावना बन जाती है. लिहाज़ा, बिहार में सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए नीतीश को आरजेडी के ख़ेमे से हटाना भी बीजेपी के लिए लाभकारी है।