
नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस पार्टी की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा को पांच दिनों के अंदर दूसरा झटका लगा है। कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों पर पिछले हफ्ते 8 दिसंबर को उनकी संसद सदस्यता चली गई और अब लोकसभा से निष्कासित किए जाने के बाद, संसद की आवास समिति ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को पत्र लिखकर टीएमसी नेता का आधिकारिक बंगला खाली करवाने को कहा है।
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बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर रुपए लेकर लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। उनकी शिकायत पर इस मामले में संसद की आचार समिति ने जांच की। समिति की सिफारिश पर 8 दिसंबर को लोकसभा ने महुआ मोइत्रा के निष्कासन से संबंधित प्रस्ताव को पारित किया था। दूबे ने मोइत्रा पर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर अडानी समूह की कंपनियों के संबंध में संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था।
लोकसभा की आचार समिति ने उस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया, जिसमें मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में ‘अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण’ का जिम्मेदार माना गया था। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 8 दिसंबर को हंगामेदार चर्चा के बाद लोकसभा में मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया था, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। चर्चा में मोइत्रा को खुद का पक्ष रखने का मौका नहीं मिला था।
इस बीच, महुआ मोइत्रा ने लोकसभा से अपने निष्कासन के खिलाफ सोमवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने शीर्ष अदालत के समक्ष एक याचिका दायर कर अपने निष्कासन के फैसले को चुनौती दी है।