युवक का मर्डर करने वाले 5 आरोपियों को आजीवन कारावास
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उन्नाव। उन्नाव में ससुराल आए पति को विवाद के बाद पत्नी ने अपने दो भाईयों, मां और बेटे के साथ मिलकर हत्या करने के बाद शव घर में दफना दिया था। बेटे के घर न लौटने पर उसकी मां ने पुरवा कोतवाली में बहू सहित अन्य पर उसकी हत्या की आशंका जताते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस जांच में मामला सही पाया गया। पुलिस ने शव बरामद कर सभी आरोपियों को जेल भेजा था। मामले की अंतिम सुनवाई मंगलवार को कोर्ट में हुई। इसमें शासकीय अधिवक्ता की दलीलों व प्रस्तुत गवाहों के आधार पर कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास के साथ 25-25 हजार का अर्थदंड भी लगाया है।
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बता दें कि पुरवा कोतवाली क्षेत्र के भगतखेड़ा गांव निवासी ओमप्रकाश 18 जून-2022 को अपनी ससुराल पत्नी को लेने अमरीखेड़ा आया था। विदा कराने की बात को लेकर उसका पत्नी सावित्री व अन्य ससुरालियों से विवाद हो गया। इसके बाद सावित्री ने बेटे नीरज, मां सुंदरी, भाई घसीटे व लल्लन की मदद से पति ओम प्रकाश की गला दबाकर हत्या कर दी थी। इसके बाद सभी ने मिलकर शव घर में ही कमरे में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था। सबूत मिटाने के लिए शव पर नमक भी डाला गया था। कई दिन तक बेटे के घर न लौटने पर मां सुमित्रा ने कोतवाली पुलिस को गुमशुदगी की तहरीर दी थी। पुलिस ने जांच की तो पूरा मामला खुल गया। एक जुलाई-2022 को ससुराल से ओमप्रकाश का शव बरामद किया था।
मां सुमित्रा की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी मृतक की पत्नी सावित्री, बेटे नीरज, साले घसीटे व लल्लन के अलावा सास सुंदरी के विरुद्ध हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर सभी को जेल भेजा था। आईओ ज्ञानेंद्र सिंह व चंद्रकांत सिंह ने 16 अगस्त- 2022 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। तब से मामला कोर्ट में विचाराधीन था। मंगलवार को मामले की अंतिम सुनवाई हुई। बचाव व अभियोजन पक्ष के वकीलों में जबरदस्त बहस हुई। बचाव पक्ष के वकील ने आरोपियों में दो लोगों की कम उम्र का होने के नाते कम सजा देने की मांग कोर्ट से की। वहीं अभियोजन पक्ष ने कई साक्ष्य, बयान पेश किए और कड़ी सजा की मांग की। सहायक शासकीय अधिवक्ता आनंद गौड व मनोज पांडेय की ओर से पेश की गई दलीलों के आधार पर न्यायाधीश अनिल कुमार सेठ ने सभी आरोपियों को घटना का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास के साथ जुर्माना भी लगाया।