
जोधपुर। प्रदेश के अंसगठित और अनौपचारिक क्षेत्रो में कार्यरत महिलाओं की सुरक्षा एवं शिकायतों के निवारण के लिए गठित संभाग स्तरीय महिला समाधान समिति की बैठक शुक्रवार को संभागीय आयुक्त श्री भंवर लाल मेहरा की अध्यक्षता में उनके कक्ष में आयोजित की गयी। इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोधपुर, श्री दिनेश कुमार, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् आयुर्वेद विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार श्रीमती सीमा कविया, उपनिदेशक (महिला अधिकारिता) श्री फरसाराम विश्नोई, जिला उद्योग अधिकारी श्री जीताराम चौधरी, सहायक श्रम आयुक्त श्री सुरेन्द्र गोदारा, श्रीमती श्यामा तंवर संभली ट्रस्ट एवं विभागीय कार्मिक उपस्थित रहे।
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संभागी आयुक्त ने बैठक में जोधपुर संभाग के अधीनस्थ समस्त जिला कलक्टर्स को “महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम 2013“ के प्रावधान अनुसार जिला स्तरीय स्थानीय समिति एवं कार्यालय स्तर पर आंतरिक समितियों के गठन, नियमित बैठक आयोजन तथा उपखण्ड स्तरीय एवं जिला स्तरीय महिला समाधान समितियों की नियमित बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये।
उद्योग विभाग के अधीन कार्यरत समस्त संगठित एवं असंगठित क्षेत्रों में तथा पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय के अधीन समस्त कार्यालयों एवं पुलिस थानों में भी आंतरिक समितियों के गठन के निर्देश दिये गये।
उन्होंने त्रि-स्तरीय महिला समाधान समितियों की आमजन को जानकारी प्रदान करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम एवं प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये। संभाग स्तरीय महिला समाधान समिति के प्रावधानों की अच्छी तरह पालना सुनिश्चित करने के निर्देश संभाग के सभी जिलों को दिए गए।
संभागीय आयुक्त श्री मेहरा ने बताया कि संभाग के जिलों में संभाग स्तर सहित जिला एवं उपखण्ड स्तर पर स्थित महिलाओं के लिए औपचारिक एवं अनौपचारिक कार्यस्थलां पर लैंकिं उत्पीड़न रहित एवं गरिमामय वातारण का निर्माण करना संबंधित कार्यालय अध्यक्ष का दायित्व है। राजकीय, निजी क्षेत्र एवं सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यालयों एवं संस्थानों में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के अध्याय 2 की धारा 4 के प्रावधान अनुसार आंतरिक समितियां गठित की जानी चाहिएं।
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