
पटना। बिहार में राजनीतिक पारा सातवें आसमान पर पहुंच चुका है। कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार एक बार फिर से अपना पाला बदल सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, वह जल्द ही अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप देंगे। इसके बाद वह बीजेपी की मदद से नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। हालांकि इस काम ने उनकी राह इतनी भी आसान नहीं होगी। इस समय सरकार में नीतीश कुमार की सहयोगी आरजेडी पूरी कोशिश में है कि नीतीश कुमार दोबारा मुख्यमंत्री ना बन पायें। इसी क्रम में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने जीतनराम मांझी से संपर्क साधा था। इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी ‘हम’ के विधायक दल की बैठक बुलाई। इस बैठक के बाद जीतनराम मांझी ने कहा कि वह एनडीए के सदस्य हैं और जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाएंगे, वहीं ‘हम’ जाएंगे। उनके इस बयान के बाद साफ़ हो गया है कि अगर नीतीश कुमार इस्तीफा देते हैं तो जीतनराम मांझी आरजेडी का साथ नहीं देंगे।

इसके साथ ही लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान एन भी साफ कर दिया है कि वह आरजेडी के साथ नहीं जाएंगे। वह शनिवार को दोपहर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले। इसके बाद साफ़ हो गया था कि वह बीजेपी के साथ ही रहेंगे। माना जा रहा था कि नीतीश कुमार के एनडीए में आने से वह नाखुश हैं, क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी नीतीश कुमार के NDA में होने के बाद भी उनकी खिलाफ ही लड़ी थी। वहीं इससे पहले आरजेडी ने भी साफ़ कर दिया है कि वह नीतीश सरकार से अपना समर्थन वापस नहीं लेगी। पार्टी नेतृत्व ने साफ़ कर दिया है कि वह नीतीश कुमार सरकार गिराने का दोष अपने ऊपर मढ़वाना नहीं चाहती है। लालू यादव ने आरजेडी कोटे से सरकार में सभी मंत्रियों को निर्देश दे दिया है कि कोई भी इस्तीफा नहीं देगा। पहला पासा नीतीश कुमार ही फेंकेगे, इसके बाद हो कोई फैसला लिया जाएगा।