गुमशुदा नाबालिग की तलाश में पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी

जैसलमेर। जैसलमेर से गत 16 सितंबर को लापता हुआ नाबालिग किशोर पुलिस को को कोलकाता में मिला है. पुलिस की टीम उसे लेकर वापस लौट रही हैं. इससे पहले 18 सितंबर को नाबालिग के पिता ने कोतवाली पुलिस में रिपोर्ट पेश कर बताया था कि 9वीं कक्षा में पढ़ने वाला उसका 14 साल का नाबालिग बेटा 16 सितंबर को दोपहर 3.30 बजे के बाद से गायब है.
परिजनों ने उसकी तलाश कि लेकिन वह कहीं नहीं मिला. वह अपना मोबाइल भी घर पर छोड़कर गया है. पिता ने लास्ट तीन फोन कॉल पर नाबालिग से बात करने वालों पर साइबर अपराध के तहत अपहरण करवाने का अंदेशा जताया. जिस पर पुलिस ने धारा 363 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की. कोतवाल सत्यप्रकाश विश्नोई ने बताया कि जांच में सामने आया कि ऑनलाइन गेमिंग के लिए ही वह घर पर बिना बताए कोलकाता गया था तथा वहां के कुछ युवकों के संपर्क में था.
जहां से पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला और अब उसे लेकर जैसलमेर आ रही है. ऑनलाइन गेम से कमा रहा था रुपए जैसलमेर का यह नाबालिग भी ऑनलाइन गेम के माध्यम से रुपए कमाता था. नाबालिग आने वाले रुपयों को अपनी दादी के खाते में डलवाता था. पैसे निकालने के लिए दादी को बैंक ले जाकर विड्रॉल करवाता था. इसी ऑनलाइन गेम में आईडी वितरित करने के लिए मास्टर आईडी लेनी होती है. इसके लिए 9 हजार देने पड़ते हैं.
इसके बाद मास्टर आईडी से वह कई आईडी वितरित कर सकता है. इस 9 हजार की रकम में से आईडी जारी करने वाले को 4500 रुपए वापिस भी मिल जाते हैं. नाबालिग पश्चिमी बंगाल के युवकों के संपर्क में था. जिसके बाद वह घर से निकल गया. पुलिस ने नाबालिग को कोलकाता में ढूंढ़ निकाला है. जिसके बाद परिजनों और पुलिस ने अब राहत की सांस ली है.
