
नई दिल्ली: सरकार ने भारतीय दूरसंचार विधेयक, 2023 को सोमवार को लोकसभा में पेश किया। यह बिल 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम को बदल देगा। संचार, इलेक्ट्रोनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के जोरदार हंगामे के बीच यह विधेयक पेश किया। इस बिल के जरिए सरकार नया दूरसंचार कानून बनाने का प्रस्ताव कर रही है जो टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की जगह लेगा। इस विधेयक को मंत्रिमंडल ने अगस्त में मंजूरी दी थी। इस मसौदा कानून के जरिए दूरसंचार कंपनियों के लिए कई अहम नियम सरल तो होंगे ही, इसके जरिए सेटेलाइट सर्विस के लिए भी नए नियम लाए जाएंगे।

टेलीकम्युनिकेशन के लिए प्रस्तावित कानून में कहा गया है कि केंद्र सार्वजनिक सुरक्षा या पब्लिक इमरजेंसी की स्थिति में किसी भी दूरसंचार नेटवर्क पर अस्थायी कब्जा कर सकता है। मसौदा कानून में कहा गया, ‘आपदा प्रबंधन या सार्वजनिक सुरक्षा के हित में और सार्वजनिक आपातकाल की घटना होने पर यह कदम उठाया जाएगा। केंद्र सरकार, राज्य सरकार या फिर केंद्र-राज्य सरकार की ओर से अधिकृत अधिकारी जरूरी समझता है तो नोटिफिकेशन (A) के जरिए किसी अधिकृत इकाई से किसी भी टेलीकम्युनिकेशन सर्विस या नेटवर्क का अस्थायी कब्जा कर सकता है।’
विधेयक में दूरसंचार नियामक संस्था ‘भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण’ (ट्राई) के अधिकार क्षेत्र में फेरबदल के प्रावधान शामिल हैं। दूरसंचार विधेयक के मसौदे में उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ओवर-द-टॉप (OTT) या इंटरनेट आधारित कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप्स को टेलीकम्युनिकेशन की परिभाषा के तहत लाने का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि, बहुजन समाज पार्टी के सांसद ऋतेश पांडेय ने विधेयक को ‘मनी बिल’ के रूप में पेश किए जाने का सदन में विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार इस विधेयक को राज्यसभा के सूक्ष्म परीक्षण से बचाने के लिए इसे मनी बिल के रूप में पेश कर रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मसौदे में किसी कंपनी की ओर से अपना परमिट सरेंडर करने की स्थिति में लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन का शुल्क वापस करने जैसे कुछ नियमों को आसान बनाने का प्रस्ताव है। नए विधेयक में सरकार को उपभोक्ताओं के हित में प्रवेश शुल्क, लाइसेंस शुल्क, जुर्माना माफ करने, बाजार में प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने, दूरसंचार नेटवर्क की उपलब्धता या निरंतरता और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की शक्ति प्रदान करने का प्रस्ताव है।