नोएडा स्टेडियम में आयोजित 13वें महाकौथिग में पहले दिन रही इंदर आर्य के सुपरहिट गीतों की रही धूम
इस बार महाकौथिग में उत्तराखंड के पहाड़ी उत्पादों के करीब 100 स्टाल लगे हैं

दिल्ली एनसीआर: नोएडा स्टेडियम में आयोजित 5 दिवसीय “उत्तराखंड महाकौथिग” के 13वें संस्करण का शुभारम्भ आज डीसीपी, गौतमबुद्ध नगर, हरीश चंद्र ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस बार पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था की ओर से नोएडा में आयोजित 13वें महाकौथिग में उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर की थीम पर खुबसूरत मंच बनाया गया है। उत्तरकाशी में ऋषिकेश-गंगोत्री मार्ग पर स्थित भगवान भोलेनाथ का काशी विश्वनाथ मंदिर सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है।

महाकौथिग का आगाज सुबह नोएडा स्टेडियम में उत्तराखंड के पारम्परिक बाध्य यंत्रों एवं लोक संगीत के साथ अथितियों का शानदार स्वागत किया गया। महाकौथिग मेले के शुभारम्भ के साथ ही उत्तराखंड के लोक गीतों पर पहाड़ के लोक कलाकारों द्वारा खूबसूरत नृत्य की प्रस्तुति पेश की गयी। उसके बाद माँ भगवती नंदा देवी की राजजात यात्रा की खूबसूरत झांकी निकाली गयी।
उसके बाद युवा दिलों की धड़कन उत्तराखंड के सुपरहिट लोक गायक इंदर आर्य, ने अपने शानदार लोक गीतों से दर्शक दीर्घा मे बैठे लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा दीपा नागरकोटी, मुकेश शर्मा ने भी शानदार प्रस्तुतियां दी।
इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य संयोजक राजेन्द्र चौहान, स्वरकोकिला कल्पना चौहान, अध्यक्ष आदित्य घिल्डियाल, संयोजिका इंदिरा चौधरी, वरिष्ट उपाध्यक्ष हरीश असवाल, महासचिव लक्ष्मण रावत, पूर्व अध्यक्ष सौरव धष्माना, पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र सिंह बिष्ट, पूर्व अध्यक्ष जगत रावत, पूर्व अध्यक्ष विनोद कवटियाल, मीडिया प्रभारी रजनी जोशी, रोहित चौहान, महेश नेगी, दिगपाल कैंतुरा, प्रभा बिष्ट, सुनीता बिष्ट,पूजा भट्ट,आशीष रावत, नरेंद्र बिष्ट सहित सैकड़ों की संख्या में दर्शक मौजूद थे।
महाकौथिग में दूसरे कल उत्तराखंड की सुप्रसिद्ध लोक गायिका मीना राणा, लोक गायक संजय कुमोला, लोक गायक राकेश गुसाईं अपने गीतों से समां बांधेंगे।
इस बार महाकौथिग में उत्तराखंड के पहाड़ी उत्पादों के करीब 100 स्टाल लगे हैं, जिनमें उत्तराखंड के व्यंजन, दाल, अनाज, पहाड़ी मिठाई, कपड़े आदि सामाग्री उपलब्ध हैं। पहाड़ी व्यंजनों के शौक़ीन लोगों के लिए समाजसेवी संजय चौहान ने पहाड़ी घरात नाम से स्टाल लगाया है। जिसमे आपको पीतल/कांसे के भड्डू में बनी घर्या दाल, भात, चैन्सू, फांडू,मीठा भात, झंगोरे की खीर, आलू-मुला की थिन्चोणी, कंडेली का साग, भांग की चटनी, आलू के गुटके, पल्यो, कोदे, मुंगरी की रोटी आदि पहाड़ी व्यंजन उचित दामों में मिलेंगे।