
रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन में हंगामा कर रहे भाजपा के विधायक भानु प्रताप शाही और बिरंची नारायण को न सिर्फ मार्शल आउट कर दिया गया, बल्कि स्पीकर ने पूरे सत्र के लिए दोनों को निलंबित कर दिया।

एक अन्य भाजपा विधायक जेपी पटेल को भी स्पीकर के आदेश पर सदन से बाहर कर दिया गया। इसके विरोध में भाजपा के बाकी विधायकों ने सदन का बहिष्कार कर दिया। इस कार्रवाई को लेकर भाजपा के विधायक विधानसभा परिसर में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा के सामने धरना देकर बैठ गए। सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले भाजपा के विधायकों ने राज्य में सरकारी नौकरियों में रिक्रूटमेंट की पॉलिसी को स्पष्ट करने और युवाओं की बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर सदन के द्वार के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे विधायकों में बिरंची नारायण, अनंत ओझा, ढुल्लू महतो, मनीष जायसवाल आदि ने जोरदार नारेबाजी की। इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने के थोड़ी देर बाद भाजपा विधायक हंगामा करने लगे।
भानु प्रताप शाही ने राज्य में नियुक्तियां नहीं होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि नियोजन नीति नहीं होने के कारण परीक्षाएं रद्द हो रही हैं। युवाओं का भविष्य दांव पर लगा है।
इस बीच विधायक प्रदीप यादव ने लोकसभा और राज्यसभा से सांसदों को निलंबित करने का मामला उठाते हुए कहा कि इसके खिलाफ सदन में निंदा प्रस्ताव लाना चाहिए। इसके बाद भाजपा विधायक वेल में जाकर हंगामा करने लगे।
हंगामे की वजह से स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक स्थगित की। सदन दोबारा शुरू होने के बाद भी भाजपा विधायकों का हंगामा जारी रहा। वे वेल में पहुंच गए। इसपर स्पीकर ने बिरंची नारायण और भानु प्रताप शाही को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया। उन्हें मार्शल उठाकर सदन के बाहर ले गए। इसपर भाजपा विधायक दल के नेता और नेता प्रतिपक्ष ने सदन का बहिष्कार करने की घोषणा की। इसके बाद शून्यकाल और प्रश्नकाल के तहत कई विधायकों ने जनसमस्याओं से जुड़े मुद्दे उठाए।