
मऊ: भारतीय सेना में पदस्थ एक सैनिक अपनी पत्नी के व्यवहार से इतना अधिक परेशान हो गया कि उसने कोर्ट में तलाक के लिए आवेदन दिया। कई सालों तक चले इस प्रकरण के बाद कोर्ट ने माना कि जब सेना का जवान ड्यूटी से घर लौटता था तो पत्नी उसे खाना तक नहीं देती थी। वह छोटी-छोटी बातों पर कई बार बड़ी लड़ाई किया करती थी। कुल मिलाकर पत्नी अपने पति को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ती थी। इतना ही नहीं उसने सेना के बड़े अधिकारियों से पति की लिखित शिकायत की थी।

अधिकारियों ने जवान से इसका स्पष्टीकरण मांगा था। साथ ही उसे सेना की छवि किसी तरह धूमिल ना करते हुए दोनों को साथ रहने के लिए कहा था। मगर जवान पत्नी से इतना ज्यादा परेशान हो गया था कि कोर्ट में तलाक की अर्जी लगा दी। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट ने दोनों को तलाक दे दिया है। एडवोकेट इंद्रजीत सिंह भाटिया के अनुसार महू निवासी सैनिक का फरवरी 2015 में महू की रहने वाली एक युवती से विवाह हुआ था। 2016 के अक्टूबर में उनके घर एक बेटी का जन्म हुआ।
शादी के कुछ दिन तक दोनों ठीक रहे फिर उनकी बेटी हुई जो वर्तमान में साल साल की है। इसके बाद जब सैनिक अपनी ड्यूटी पर जाता और वापस घर लौटा तो पत्नी उसे खाना नहीं देती थी। उसके साथ अच्छा व्यवहार भी नहीं करती थी। कई बार उसने परिजनों को बुलाकर समझाने की कोशिश की लेकिन महिला नहीं मानी। कुछ समय बाद सेना के जवान की ड्यूटी भोपाल में लगी, जहां वह ड्यूटी के लिए चला गया। फिर उसका ट्रांसफर पंजाब बॉर्डर पर हो गया।
पत्नी सेना के जवान से इतना अधिक खार खाती थी कि उसने कई बार सेना के उच्च अधिकारियों को लिखित झूठी शिकायत की। जिसमें कहा गया कि पति उसके साथ मारपीट करता है। उच्च अधिकारियों ने जवान को सेना की छवि किसी प्रकार से धूमिल ना करने को कहा और उसे नोटिस जारी करके जवाब मांगा। तंग आकर सेना के जवान ने कोर्ट में केस किया और लंबे समय बाद कोर्ट ने माना की पत्नी का व्यवहार क्रूरता पूर्वक है और दोनों को दे दिया जाए।