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नई दिल्ली: दिल्ली में एक पूर्व सांसद से उसकी देखभाल करने वाले लोगों ने कथित तौर पर 35.10 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है. दिल्ली पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. पूर्व सांसद द्वारा दायर एक शिकायत के अनुसार, पिछले दिनों उनकी बाईपास सर्जरी हुई थी और अपने रोजाना के कार्यों में सहायता के लिए उन्होंने देखभाल करने वाले तीन लोगों आदित्य दुबे, उनके पिता सुनील दुबे और मनोज शाह को काम पर रखा था.
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पूर्व सांसद ने प्राथमिकी में बताया कि आदित्य मुख्य रूप से उनके बैंकिंग मामलों को देखने के साथ-साथ पटना में अन्य जिम्मेदारियाँ संभालता था.उन्होंने बताया कि वहीं मनोज रोजाना के हिसाब-किताब और खेतों को पट्टे पर देने सहित अन्य काम करता था जबकि सुनील उनकी (शिकायतकर्ता की) देखभाल करता था. शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि वह पूर्व सांसद और बिहार के पश्चिमी चंपारण के सिकटा विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक भी रह चुके हैं.
पूर्व सांसद को 18 फरवरी को उन्हें 18,396 रुपये के लेनदेन के संबंध में एक एसएमएस मिला. उन्होंने पुलिस को बताया कि उनका मोबाइल उनके सुरक्षा गार्ड के पास था जिसने उन्हें लेनदेन के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने कहा, ‘वही मैसेज मैंने आदित्य को दिखाया गया लेकिन उसने इस तरह के किसी भी लेनदेन से इनकार कर दिया. मैंने कभी भी किसी ऑनलाइन भुगतान प्रणाली का उपयोग नहीं किया, इसलिए इससे मुझे डाउट होने लगा.मैं अपने पोते रोहित वर्मा के साथ संसद मार्ग, दिल्ली स्थित एक बैंक में शाखा प्रबंधक से मिलने गया.’
एफआईआर में सांसद ने कहा, ‘जब मैंने अपने पोते से एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा जब उसे आदित्य दुबे का फोन आया जिसने 1.25 लाख रुपये निकालने का अपना अपराध कबूल किया और एफआईआर को आगे न बढ़ाने का अनुरोध किया. लेकिन बाद में उसने सभी चैट डिलीट कर दीं.’ उन्होंने पुलिस को आगे बताया कि इस मामले में मनोज भी शामिल था. आदित्य और मनोज ने कुल 35,10,717 लाख रुपये का गबन किया था.
पुलिस ने बताया कि 22 दिसंबर को पार्लियामेंट स्ट्रीट साइबर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 408, 420 और 120 बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘मामले की जांच चल रही है. हमारी टीमें धोखाधड़ी से संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच कर रही हैं और आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.’