
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराया गया है और उन्हें तीन साल कैद की सजा सुनाई गई है।

कोर्ट ने पूर्व मंत्री पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बसपा शासन के दौरान पूर्व शिक्षा मंत्री को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराया गया है। यहां की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने त्रिपाठी को हिरासत में लेकर जेल भेजने का भी निर्देश दिया है।
150 करोड़ रुपए के घोटाले में कांग्रेस नेता दोषी करार
कांग्रेस के लिए एक बुरी खबर। उसके वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुनील केदार और पांच अन्य को शुक्रवार को लगभग 150 करोड़ रुपए के नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक घोटाले में दोषी पाया गया।
केदार नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के चेयरमैन रह चुके हैं। दोषी पाए गए अन्य लोग हैं केतन शेठ, नंदकिशोर त्रिवेदी, अशोक चौधरी, सुबोध भंडारी – सभी मुंबई से, और अहमदाबाद के अमित वर्मा।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति पेखले-पुरकर ने 2002 से लगभग 21 वर्षों तक चले मुकदमे में अन्य तीन आरोपियों को बरी कर दिया, जबकि कुछ अन्य संबंधित मामले अभी भी विभिन्न राज्यों में लंबित हैं।
केदार और अन्य पर सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद के लिए सहकारी बैंक के धन को निजी संस्थाओं में स्थानांतरित कर मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था, जिसके कारण एनडीसीसीबी को काफी नुकसान हुआ। इसके अलावा और भी कई दूसरे आरोप हैं।