आज की पीढ़ी के लिए आदर्श हैं विधायक बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर। कल रामनवमी के दिन पूरा रायपुर शहर राम में था. चारों तरफ प्रभु राम के जयकारे ही सुनाई दे रहे थे. शहर की सारी मुख्य सड़कें और गलियां जाम ही रहीं. परंतु संध्या बारिश और अंधड़ चलने के बाद सारे धार्मिक सार्वजनिक कार्यक्रम थम गए. लोगों ने अपने अपने घरों में लौटना ही मुनासिब समझा.

रायपुर से 7 बार के विधायक विधायक बृजमोहन अग्रवाल भी दिनभर शहर की धार्मिक आयोजनों में शामिल हुए.आंधी तूफान की बीच वे भी अपने घर लौट गए. परंतु देर रात्रि 12:30 बजे एक अतिथि को होटल बेबीलॉन छोड़ कर मैं लौट रहा था तो देखा बृजमोहन अग्रवाल, अपनी धर्मपत्नी और अपने पोते के साथ एयरपोर्ट रोड पर पैदल ही चले आ रहे हैं. चुकी दिन के कुछ कार्यक्रमों में मैं भी उनके साथ था तो अचानक उन्हें यहा देख मुझसे रहा नहीं गया.
मैं उनके पास गया. भैया भाभी दोनों को रामनवमी की बधाई देते हुए चरण स्पर्श किया. मैंने पूछा भैया इतनी रात क्या बात है भैया? उन्होंने कहा कुछ नहीं बस राम मंदिर जा रहे हैं. मैंने हंसते हुए कहा भैया दिन भर तो मंदिरों में घूमते रहे आप . और इस खराब मौसम में वह भी पैदल फिर निकल पड़े.आप भी गजब करते.
उन्होंने कहा बारिश अंधड़ की वजह से इस मंदिर में प्रभु राम के दर्शन नहीं कर पाया था. इसलिए मन व्याकुल था. फिर क्या प्रभु राम का बुलावा था हम पैदल ही निकल पड़े. अब मंदिर पहुंचकर प्रभु राम और माता जानकी का आशीर्वाद लेते है. उनकी बातें सुनकर मैं यही सोचता रहा, पता नहीं भगवान ने इन्हें किस मिट्टी से बनाया है . न ये थकते है, न ये रुकते है बस निरंतर चले ही जाते हैं. वाकई आज की पीढ़ी के लिए आदर्श हैं बृजमोहन अग्रवाल.
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