नए साल के जश्न पर ड्रग से सजी ड्रग्स की मंडी, कोड के लिए इमोजी सिंबल का हो रहा है इस्तेमाल

मुंबई। नया साल आने को है, शराब, शबाब और ड्रग का बाजार सज चुका है। करोड़ों के इस कारोबार में इसके रुट से लेकर कोड तक, पेडलर से लेकर कैरियर तक हर कड़ी के पुख्ता इंतजाम किये जा चुके हैं। जानिए ड्रग्स के इस गोरखधंधे का एक एक सच। कैसे आसमान से लेकर समुद्र तक, समुद्र से लेकर जमीन तक ये फल फूल रहा है। नए साल के स्वागत के लिए लोगों की तैयारी अपने अंतिम चरण में हैं। नए साल के स्वागत में जश्न होगा, डांस होगा, और सजी होगी नशे की मंडी. जिसमें रेव पार्टियां भी शामिल हैं। नशे के शौक़ीन अब इन पार्टियों में ड्रग से लेकर स्नेक बाईट तक का सहारा “हाई” पर जाने के लिए करते हैं। इन पार्टियों पर मुंबई पुलिस की पैनी नजर रहती है। यही कारण है कि नशे के सौदागर इस तरह की पार्टी मुंबई से बाहर या फिर किसी निजी जगह पर आयोजित करते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक रात में हजारों करोड़ के ड्रग की खपत अलग अलग जगहों पर हो जाती है।

ड्रग की मंडी के सेंटर
भले ही एंटी नारकोटिक्स सेल ने सजगता दिखाते हुए ड्रग पेड्लर्स पर कार्यवाई कि है लेकिन सवाल बरक़रार है कि क्या मुंबई ड्रग्स कैपिटल बनती जा रही। जानकार बताते हैं कि इसका सबसे बड़ा कारण है मुंबई शहर का बाकी टूरिस्ट डेस्टिनेशन से बेहद नजदीक होना। इन टूरिस्ट डेस्टिनेशन से मुंबई की डायरेक्ट कनेक्टिविटी होना। इन टूरिस्ट डेस्टिनेशन में गोवा सबसे प्रमुख और ड्रग तस्करों की सबसे पसंदीदा जगह है। मुंबई में ड्रग की खेप को उतारने के बाद ये तस्कर इसे पानी या ट्रेन या रोड के रास्ते आसानी से गोवा तक ले जाते है। जहा इनके ज्यादातर कस्टमर विदेशी सैलानी होते है। इसके साथ ही लोनावाला, खंडाला, माथेरान, महाबलेश्वर, अलीबाग, कर्जत, इगतपुरी जैसे दर्जनों टूरिस्ट पॉइंट्स हैं। जहा नए साल का जश्न मानाने बड़ी संख्या मैं देशी और विदेशी सैलानी आते हैं। इन सैलानियों को नए साल के जश्न में नशे का डोज देकर तस्कर और रेव पार्टियों के आयोजक लाखो करोडो रुपये कमाते है।
ड्रग के अलग अलग कोड और इमोजी
ड्रग तस्कर समय समय पर हमेशा अपने कोड बदलते रहते हैं। जिसका मकसद आम आदमी और जांच एजेंसियों को आसानी से वो पकड़ में न आ सके। Janta Se Rishta आपको ड्रग की इस कली मंदी के नए कोड हम आपको डीकोड कर रहे हैं। इसके अलावा जो कोड चलन में है। गांजा के लिए तस्कर अक्सर हरी घास कोड का इस्तेमाल करते हैं। अफीम के लिए काली मिट्टी नाम के कोड का इस्तेमाल होता है। कोकीन के लिए नाक, एमडी के लिए कैप्सूल, हिरोइन के लिए इंजेक्शन जैसे कोड का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा ड्रग तस्कर आज व्हाट्सएप के जमाने में इमोजी का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।
इन इमोजी की किया जाता है इस्तेमाल
गंजा ☘️😪
कोकीन 👃😛
एम डी एम ए 💊
मशरूम 🍄
हिरोइन 💉
ड्रग का बाजार और दाम
न्यू ईयर के वक्त आमतौर पर ड्रग के दाम में डेढ़ गुना से लेकर दो गुना की वृद्धि हो जाती है। अगर इस समय के रेट की बात करें तो ये आम आदमी की पहुंच से बहुत दूर है। लेकिन हाई के शौकीन इसके लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ड्रग के कारोबारी सूत्रों की मानें तो इस समय ड्रग की मंडी में अलग अलग जगहों पर इसका रेट थोड़े ऊपर नीचे के साथ बिकता है। मगर न्यू इयर पर मांग ज्यादा होने के करम इसके भाव में तेजी हो जाती है।
कोकीन
दाम कई बातों पर निर्भर करता है, जिसके कई मानक हैं, लेकिन आम तौर पर सामान्य कोकीन 8 से 10 bकरोड़ रुपये में बिकती है। मगर न्यू ईयर के वक्त इसका भाव 15 से 18 करोड़ रुपए तक होने की उम्मीद है, मांग और सप्लाई पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है।
अफीम
अफ़ीम की सरकारी कीमत जो दवा के लिए इस्तेमाल होती है 1800 प्रति किलोग्राम है। मगर वहीं तस्करी के बाजार में 90 हजार से 1.50 लाख तक इसकी कीमत बढ़ जाती है।
स्मैक
स्मैक की कीमत 1.50 करोड़ रुपए प्रति किलो होती है। मगर न्यू ईयर में ये दो करोड़ रुपए तक चली जायेगी।
एम डी और अन्य सिंथेटिक ड्रग
इसके अलावा केमिकल सिंथेटिक ड्रग की भी बाजार में डिमांड बढ़ जाती है। जो न्यू ईयर पर तय दाम से दो गुना हो जाता है।
पुलिस की कार्रवाई
मुंबई पुलिस ने एक साल में 4,800 करोड़ रुपये की ड्रग्स भी नष्ट की गई है। 2023 में 1319 अपराधों में कुल 437 करोड़ 98 लाख रुपये की ड्रग्स जब्त की गई। उस मामले में 1718 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया। साथ ही मुंबई पुलिस ने साल भर में कार्रवाई कर साढ़े सात करोड़ का गांजा, 50 लाख की कोकीन, 10 करोड़ की चरस, 4 करोड़ 21 लाख की हेरोइन और कई अन्य नशीली ड्रग जब्त की गई।