
गोण्डा। गोण्डा शहर इन दिनों नशे की गिरफ्त में कसमसा रहा है। यहां गांजा, भांग, कोडीन सिरप टेबलेट और नशे की दवाएं और इंजेक्शन खुलेआम बिकते हैं, जिसपर किसी तरह की कोई रोकटोक नहीं है। कथित तौर पर पुलिस, और स्वास्थ्य विभाग । कार्रवाई के नाम पर संबंधित विभागों द्वारा सिर्फ खाना पूर्ति की जाती है, जिसके परिणाम स्वरूप यहां की युवा पीढ़ी बरबाद हो रही है और अभिभावक परेशान हैं।

एक सर्वेक्षण के मुताबिक स्कूल कालेजों में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं सबसे ज्यादा कोडीन सिरप टेबलेट एडिक्ट बनते जा रहे हैं। शहर की दवा की दुकानों पर आसानी से उन्हें सस्ते दामों पर विभिन्न तरह की नशीली दवाइयां मिल जा रही है। इतना ही नहीं दवा दुकानदार अपने मुनाफे के लिए बेखौफ होकर युवाओं के बीच नशा बेच रहे हैं। सबसे चौकाने वाला तथ्य यह है कि सब कुछ जानते हुए भी जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन स्वास्थ्य विभाग आंखें मूंदे हुए है।
गोंडा शहर के गांधी पार्क से सटे हुए मिनाईयां के पास में शहीद मेडिकल स्टोर जो अपने घर में बिना लाइसेंस व डिग्री के चला रहे हैं और नशे का कारोबार धड़ले से करते हैं युवाओं को शाम के समय आसानी से देखा जा सकता है। इनके दुकान पर 4 न्यूज़ चैनल वाले स्ट्रिंग ऑपरेशन किया मौके पर बिकता हुआ कोडीन सिरप टैबलेट पाया गया और खरीद कर भी लाय वैसे शहर के अंदर अब कई स्पॉट बन चुके हैं, जहां शाम ढलते ही युवा जमा होते हैं और नशीली दवाइयों का सेवन करते हैं।
यह हैं नशीली दवाइयां
कोरेक्स कफ सीरप, फोर्टविन व डाइजापाम इंजेक्शन, एटी भान, वेस्प्रेक्स,मेंड्रेक्स, अल्प्रेक्स, लोनाजेप, क्लोना जेपाम टेबलेट आदि नशीली दवाइयां यहां के बाजारों में बिना डॉक्टर के पर्चे के आसानी से उपलब्ध हैं। इन नशीली दवाइयों के अलावा सुलोशन, व्हाइटनर, आयोडेक्स, नशा करते हैं।
उक्त प्रतिबंधित नशीली दवाइयों की बिक्री सिर्फ रजिस्टर्ड डाक्टर के पर्चे पर ही की जा सकती है, लेकिन मौजूदा समय में शहर के किसी भी मेडिकल स्टोर से इन्हें बिना पर्चे के खरीदा जा सकता है।
गोंडा के एस एस पांडे जी कहते हैं कि युवाओं का नशे के प्रति बढ़ता झुकाव बेहद चिंता का विषय है। नशे का बढ़ते प्रचलन को देखकर ऐसा लगता है कि हमारा आने वाला कल निश्चित रूप से अंधकारमय है। सरकार के साथ साथ जिला प्रशासन को भी इस दिशा में गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
Dr अनिल कुंबले कहते हैं कि समाज के भोले भाले लोग इसकी गिरफ्त में फंसते चले जा रहे हैं। नशा के चक्कर में लोग अपना घर जमीन तक बेच ले रहे हैं। नशा ने तो समाज में बड़े छोटे का अंतर भी मिटा दिया है।
कर्नलगंज निवासी राजेश कुमार कहते हैंकि युवाओं का नशे के प्रति बढ़ता झुकाव तनाव भरे माहौल के कारण हो रहा है। घरों में माता पिता अपनी संतानों के साथ समय नहीं दे पा रहे हैं। हर कोई पैसे के पीछे भाग रहा है। नशा के कारण लोग तरह तरह की बीमारियों से जकड़े जा रहे हैं। बावजूद इसके कोई शौक से पी रहा है तो कोई तनाव व थकान को मिटाने के नाम पर नशे का सेवन कर रहा है
डा. भारतेन्दु कहते हैं कि कुछ लोग दवा का प्रयोग बीमारियों को भगाने के लिए करते हैं तो कुछ लोगों ने इसे अपनी आदत में शामिल कर लिया है, और जिनको ऐसी नशीली दवाइयों की लत लग गई वो ड्रग एडिक्ट हो गए। उन्होंने बताया कि नशीली दवाइयों के अत्यधिक सेवन से ब्लड प्रेशर, ब्रेन हेमरेज, नसों से संबंधित बीमारियां, मानसिक संतुलन खोना, लीवर से संबंधित बीमारी, किडनी फेल होना, कैंसर सहित अन्य बीमारियां हो सकती है। नशीली दवाइयां सिर्फ चिकित्सक की सलाह से ही लेनी चाहिए। दवा दुकानदार बगैर मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन के इसे बेचते हैं तो यह अपराध है। नशे के कारोबार करने वाले दोषियों को पकड़ा जाए और उनके ऊपर कार्यवाही की जाए।